भाषाई विवाद में निरहुआ ने ठाकरे को दी चुनौती
महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद में भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निर्हुआ' ने ठाकरे बंधुओं को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अगर मराठी भाषा का सम्मान है, तो पहले भोजपुरी में जवाब दें। इस बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और ठाकरे का संभावित जवाब क्या हो सकता है।
Jul 7, 2025, 16:37 IST
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भाषा विवाद में नया मोड़
महाराष्ट्र में हाल ही में भाषा को लेकर उठे विवाद में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता और सांसद दिनेश लाल यादव, जिन्हें 'निर्हुआ' के नाम से जाना जाता है, ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में कहा, "मैं भोजपुरी बोलता हूं, अगर हिम्मत है तो मराठी में मेरी बात सुनो और जवाब दो।" इस बयान ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।दरअसल, राज्य में मराठी भाषा को सरकारी कार्यों में अनिवार्य बनाने की मांग तेजी से उठ रही है, जिसके समर्थन में उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी ने रैलियां आयोजित की हैं। इस बीच, भोजपुरी समुदाय और कलाकारों ने इसे भाषा के नाम पर विभाजन की राजनीति करार दिया है। निरहुआ ने कहा कि भाषा किसी दीवार की तरह नहीं होनी चाहिए जो लोगों को अलग कर दे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मराठी भाषा का सम्मान करते हैं, उन्हें पहले भोजपुरी में अपना संदेश देना होगा।
राज ठाकरे की पार्टी ने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मनसे के कई कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर निरहुआ के बयान की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह विवाद को और बढ़ा देगा। भाषा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में 22 संविधानिक भाषाएं हैं, और हर एक का अपना सांस्कृतिक महत्व है। उनका कहना है कि किसी एक भाषा को बढ़ावा देने के लिए अन्य भाषाओं को नीचा दिखाना उचित नहीं है। अब यह देखना होगा कि उद्धव और राज ठाकरे निरहुआ की चुनौती का सामना करते हैं या नहीं। इस नए विवाद ने एक बार फिर देश की भाषाई विविधता और उसकी राजनीति पर सवाल उठाए हैं।