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भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की

भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वे अब आराम करना चाहते हैं और आगामी चुनाव में भाग नहीं लेंगे। धर्मबीर ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान कई महत्वपूर्ण चुनाव लड़े हैं, जिसमें उन्होंने चौधरी बंसीलाल की तीन पीढ़ियों को हराने का रिकॉर्ड भी बनाया है। जानें उनके जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में विस्तार से।
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भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की

धर्मबीर सिंह का सक्रिय राजनीति से संन्यास


भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह ने आगामी चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने नारनौल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने कई चुनाव लड़े हैं और अब वे आराम करना चाहते हैं। धर्मबीर ने बताया कि उनके पूर्वजों ने जीवन को चार चरणों में बांटा था, और अब वे 70 वर्ष की आयु में हैं, इसलिए वे इस नियम का पालन करना चाहते हैं।


धर्मबीर सिंह ने चौधरी बंसीलाल की तीन पीढ़ियों को चार बार चुनाव में हराने का अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यदि अगला लोकसभा चुनाव समय पर होता है, तो धर्मबीर की उम्र उस समय 74 वर्ष होगी।


राजनीति में धर्मबीर का सफर

धर्मबीर सिंह का जन्म 25 नवंबर 1955 को भिवानी के तालु गांव में हुआ। उन्होंने 1983 में राजनीति में कदम रखा और बवानीखेड़ा पंचायत समिति के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद, वे 1985 में पंचायत समिति के चेयरमैन बने।


1987 में, उन्होंने विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम बंसीलाल को हराकर परिवहन मंत्री का पद प्राप्त किया। हालांकि, 1991 और 1996 में बंसीलाल के खिलाफ चुनाव हार गए।


धर्मबीर ने 1999 में भिवानी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। फिर उन्होंने तोशाम से चुनाव लड़ा और बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह को हराया।


धर्मबीर की जीत की हैट्रिक

साल 2014 में, जब राव इंद्रजीत सिंह भाजपा में शामिल हुए, तब धर्मबीर भी भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने 2014 और 2019 में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से श्रुति चौधरी को हराया। 2024 में, कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को टिकट दिया, लेकिन धर्मबीर की जीत की हैट्रिक को रोक नहीं पाए।