भिवानी में ग्राम सभा का आयोजन: मजदूरों के अधिकारों की जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

ग्राम सभा का महत्व
भिवानी। जिले के निमड़ीवाली गांव में शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-2025 के कार्यों का सोशल ऑडिट करने के लिए एक महत्वपूर्ण ग्राम सभा का आयोजन किया गया। यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। ग्राम सभा की शुरुआत में सरपंच कोमिला कुमारी ने मजदूरों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए एक विस्तृत एजेंडा प्रस्तुत किया।
पारदर्शिता का उद्देश्य
सरपंच ने बताया कि इस सोशल ऑडिट का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता लाना और यह सुनिश्चित करना है कि मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत मजदूरों को उनके काम का उचित और समय पर भुगतान मिले। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से मजदूरों में जागरूकता बढ़ती है और उन्हें यह विश्वास मिलता है कि उनके अधिकारों की रक्षा की जा रही है। बैठक में उपस्थित बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) पिंकी और वीआरपी (विलेज रिसोर्स पर्सन) संदीप कुमार ने मजदूरों को उनके कानूनी अधिकारों और हकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सीधा संवाद स्थापित करना
उन्होंने बताया कि मजदूर अपने अधिकारों के लिए कैसे आवाज उठा सकते हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितता या शोषण के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। यह सोशल ऑडिट चंडीगढ़ की सोशल ऑडिट यूनिट के दिशा-निर्देशों के तहत संचालित किया गया, जिसका नेतृत्व डायरेक्टर जसप्रीत कौर ने किया।
उनकी देखरेख में ग्राम पंचायत के अधिकारियों और मजदूरों के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ, जिससे कई मुद्दों का त्वरित समाधान किया गया। बैठक में एबीपीओ राजकुमारी, बीएफटी रोशन लाल, वीआरपी मंजू रानी और वीआरपी कांता देवी सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। इन सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि ऑडिट की प्रक्रिया निष्पक्ष और प्रभावी हो।
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