भिवानी में परिवार पहचान पत्र में गड़बड़ियों से गरीबों की राशन सुविधा प्रभावित

परिवार पहचान पत्र में अनियमितताएँ
परिवार पहचान पत्र में गड़बड़ियाँ: गरीबों के राशन कार्ड रद्द, कागजों में दर्ज हैं महंगी गाड़ियाँ! हरियाणा के भिवानी जिले में परिवार पहचान पत्र (PPP) में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं, जिससे हजारों गरीब परिवारों की स्थिति दयनीय हो गई है। जिनके पास बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए भी संसाधन नहीं हैं, उनके नाम पर कागजों में महंगी गाड़ियाँ और ट्रक दर्ज हैं।
इस त्रुटि के कारण लगभग 5,000 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं, जिससे वे सरकारी राशन की सुविधा से वंचित हो गए हैं। लोग अब अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए जिला मुख्यालय के सरल केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े हैं, लेकिन जवाबदेही की कमी उनकी परेशानियों को और बढ़ा रही है।परिवार पहचान पत्र
भिवानी के गोलपुरा के निवासी विजय, जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, इस गड़बड़ी का शिकार बने हैं। उनके परिवार पहचान पत्र में एक कार का पंजीकरण दर्शाया गया है, जिसमें गाड़ी का नंबर, कंपनी का नाम और टैक्स की जानकारी शामिल है।
विजय का कहना है कि उनके पास तो साइकिल भी नहीं है, तो यह कार कैसे हो सकती है? उन्होंने बताया कि इस गलती के कारण उनका बीपीएल राशन कार्ड रद्द हो गया है, जिससे उनके परिवार को राशन मिलना बंद हो गया है। अब उन्हें इस त्रुटि को सुधारने के लिए सरल केंद्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
इसी तरह, पालुवास के विनोद कुमार की स्थिति भी कम दुखद नहीं है। वह एक गरीब मजदूर हैं, जिनके पास कोई वाहन नहीं है। लेकिन परिवार पहचान पत्र में उनके नाम पर स्कूटी दर्ज होने के कारण उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया। विनोद ने कहा कि राशन की कमी के कारण घर चलाना मुश्किल हो गया है।
वह कहते हैं, "मैं दिनभर मेहनत करता हूँ, लेकिन अब राशन कार्ड ठीक कराने के लिए काम छोड़कर लाइन में खड़ा हूँ।" इसी तरह पीपलीवाली जोहड़ी के विजय कुमार भी परेशान हैं। उनके नाम पर एक कार दर्ज है, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस गलती ने उनके परिवार को राशन की सुविधा से वंचित कर दिया है।
जिला मुख्यालय के सरल केंद्र पर हर दिन सैकड़ों लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुँच रहे हैं। इनमें से अधिकांश दिहाड़ी मजदूर हैं, जो मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं। उनके नाम पर गलत तरीके से प्राइवेट और कमर्शियल वाहन पंजीकृत किए गए हैं, लेकिन यह गलती कैसे हुई, इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है।
सरल केंद्र के बाहर और अंदर भारी भीड़ देखी जा सकती है, जहाँ लोग अपनी परिवार पहचान पत्र की त्रुटियों को ठीक कराने के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों को यह साबित करना पड़ रहा है कि उनके पास कोई वाहन नहीं है, ताकि उनका राशन कार्ड फिर से चालू हो सके।
अधिकारियों का कहना है कि यह समस्या तकनीकी खामियों के कारण हो सकती है। भिवानी के कार्यवाहक जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रदीप कुमार के अनुसार, परिवार पहचान पत्र के आधार पर बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं। यदि किसी के नाम पर वाहन पंजीकृत दिखता है, तो उनका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी शिकायतों की जाँच की जाएगी। वहीं, जोनल मैनेजर हेमंत सैनी ने भी माना कि तकनीकी कारणों से ऐसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं और इन्हें जल्द ठीक करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन स्थानीय एसडीएम महेश कुमार का कहना है कि राशन कार्ड कटने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
यह स्थिति न केवल गरीब परिवारों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि इतनी बड़ी संख्या में गलतियाँ कैसे हो रही हैं? लोग न केवल सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं, बल्कि उन्हें अपनी रोजी-रोटी छोड़कर इन गलतियों को सुधारने के लिए दौड़भाग करनी पड़ रही है।
सरकार को चाहिए कि इस मामले की गहन जाँच करे और गरीबों को उनका हक दिलाए, ताकि उनकी जिंदगी में फिर से सुकून लौट सके।