भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी बढ़ोतरी को बताया नाकाफी
हुड्डा का बयान
चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को धान और अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हालिया बढ़ोतरी को अपर्याप्त बताया। उन्होंने इसे ऊंट के मुंह में जीरे के समान करार दिया। हुड्डा ने कहा कि धान की एमएसपी में केवल 69 रुपये यानी तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में हर साल लगभग 14 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती थी। इसका मतलब है कि कांग्रेस सरकार भाजपा की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक दाम देती थी।
हुड्डा ने यह भी कहा कि भाजपा के शासन में महंगाई लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। सिंचाई, श्रम, परिवहन, खाद, बीज और दवाओं की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस सरकार ने खेती से भी टैक्स वसूली शुरू कर दी है। इसके अलावा, किसानों की फसलें मौसम और सरकारी अनदेखी के कारण बर्बाद हो रही हैं, जिससे किसान खेती छोड़कर दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों को उचित मूल्य, सब्सिडी, टैक्स और कर्ज से मुक्ति प्रदान की जाए। भाजपा को अपने वादों के अनुसार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करके सी-2 फार्मूले के तहत फसलों का मूल्य निर्धारित करना चाहिए। लेकिन, सरकार ने हर सीजन से पहले एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा को औपचारिकता बना दिया है। न तो उचित वृद्धि होती है और न ही किसानों को घोषित दरें मिलती हैं। अंततः किसानों को एमएसपी से कम दाम पर निजी एजेंसियों के हाथों लुटना पड़ता है।
