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भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने गया में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि उनकी सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। उन्होंने एनडीए द्वारा लाए गए नए कानून का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। इस कानून के तहत, यदि कोई नेता गिरफ्तार होता है, तो उसे 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी। मोदी ने यह भी बताया कि कैसे छोटे सरकारी कर्मचारियों के लिए नियम अलग हैं। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर उनके विचार।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए: पीएम मोदी

भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी की कड़ी टिप्पणी


गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है, जबकि कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार की कई घटनाएं हुई हैं। उन्होंने आरजेडी के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया, जो बिहार के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है। उनका मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए सभी को कार्रवाई में शामिल होना चाहिए।


उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार ने एक ऐसा कानून पेश किया है, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री सभी शामिल हैं। इस कानून के तहत, यदि कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है, तो उसे 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी। यदि जमानत नहीं मिली, तो उसे 31वें दिन अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।


उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज के कानून के अनुसार, यदि किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए, तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है। लेकिन यदि कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल में भी हो, तो वह सत्ता का आनंद ले सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में देखा गया है कि कैसे कुछ नेता जेल से ही सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर कर रहे थे। ऐसे में, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है?