मंत्री संपतिया उइके पर भ्रष्टाचार के आरोप, पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी मंत्री
प्रदेश की आदिवासी नेता और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे सरकार की स्थिति संकट में आ गई है। जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं की शिकायत पीएमओ तक पहुंचने के बाद मामला और भी तूल पकड़ गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि मंत्री के विभाग ने इस शिकायत की जांच शुरू कर दी है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरम हो गया है।
शिकायत और प्रारंभिक जांच
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जल जीवन मिशन के 30 हजार करोड़ रुपये में से 1000 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में लिए गए। इस शिकायत के आधार पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए। हालांकि, विभाग ने बाद में स्पष्ट किया कि यह जांच मंत्री के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रक्रिया का हिस्सा है।
PMO की कार्रवाई
PMO ने मांगी सात दिन में रिपोर्ट
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश सरकार से सात दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इसके साथ ही, मिशन के पहले चरण में खर्च की गई राशि और उसकी उपयोगिता की जांच करने का निर्देश भी दिया गया है। PMO ने मंत्री और अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
मंत्री का बयान
आरोपों को लेकर मंत्री ने क्या कहा?
इस मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए इसे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला बताया है। उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक मंत्री पद पर रहेंगी, निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। उन्होंने CBI जांच की मांग की और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे अदालत का रुख करेंगे। वहीं, मंत्री संपतिया उइके ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वे जांच का स्वागत करती हैं और सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.