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मऊ सदर सीट पर ओम प्रकाश राजभर का दावा, सुभासपा का चुनावी भविष्य

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मऊ सदर सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है, जो अब्बास अंसारी की सजा के बाद खाली हुई है। उन्होंने एनडीए के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने की योजना बनाई है। राजभर ने सुभासपा के चुनावी इतिहास और आगामी शौर्य मेले के बारे में भी जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने कांग्रेस और सपा पर ऐतिहासिक महापुरुषों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
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मऊ सदर सीट पर ओम प्रकाश राजभर का दावा, सुभासपा का चुनावी भविष्य

मऊ सदर सीट पर सुभासपा का दावा

लखनऊ। हेट स्पीच के मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा मिलने के बाद मऊ सदर सीट खाली हुई है। इस पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर एनडीए के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करेंगे। 


ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मऊ सदर की सीट पहले सुभासपा के पास थी। 2017 में सुभासपा ने यहां दूसरे स्थान पर और 2022 में जीत हासिल की थी। अब्बास को एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दो साल की सजा दी गई है। 


सुभासपा अपने चुनाव चिह्न को बचाने के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लेगी और यदि चुनाव लड़ने का अवसर मिलता है, तो वह एनडीए के शीर्ष नेतृत्व से बात कर अपना उम्मीदवार तय करेगी। 


राजभर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 10 जून को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर शौर्य मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। यह मेला हमारी संस्कृति और विरासत को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। 


मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने विशेष समुदाय के वोट के लिए महाराजा सुहेलदेव के नाम को इतिहास से मिटाने का प्रयास किया है। समाजवादी पार्टी ने बहराइच में आक्रांता सालार मसूद के नाम पर मेला आयोजित किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि सुहेलदेव के पराक्रम की स्मृति को क्यों भुला दिया गया है।


सुभासपा के अध्यक्ष ने कहा कि देश के लिए मुगलों से लड़ने वाले महापुरुषों को सपा और कांग्रेस ने नजरअंदाज किया है। 22 वर्षों में महाराजा सुहेलदेव, अहिल्याबाई होलकर, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सावित्रीबाई फुले, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी और गौतम बुद्ध की चर्चा नहीं होती थी।


ओपी राजभर ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत चुनाव सीधे जनता से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के चुनावों की तरह ही जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव भी होने चाहिए। इस संबंध में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं।