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मणिपुर में अवैध शराब तस्करी पर असम राइफल्स की बड़ी कार्रवाई

असम राइफल्स ने मणिपुर के अवांगखुल में अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें 1 करोड़ रुपये की शराब जब्त की गई। इस ऑपरेशन में 32,000 से अधिक शराब की बोतलें शामिल थीं। अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी। मणिपुर में शराब पर प्रतिबंध के बावजूद, अवैध शराब का व्यापार जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और जांच की प्रगति के बारे में।
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मणिपुर में अवैध शराब तस्करी पर असम राइफल्स की बड़ी कार्रवाई

अवैध शराब की जब्ती

असम राइफल्स ने मणिपुर के अवांगखुल के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें लगभग 1 करोड़ रुपये की शराब की खेप जब्त की गई। अधिकारियों ने गुरुवार (24 जुलाई) को बताया कि इस ऑपरेशन में 1,430 केस में 32,000 से अधिक बोतलें और डिब्बे शामिल थे, जिनमें विभिन्न प्रकार की शराब शामिल थी।


विशिष्ट खुफिया जानकारी पर कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर तेजी से की गई। शराब की खेप ले जा रहे दो ड्राइवरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें आगे की जांच के लिए राज्य पुलिस को सौंप दिया गया। असम राइफल्स ने अवैध गतिविधियों को रोकने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के अपने प्रयासों को दोहराया है। हालांकि, जब्त की गई खेप के मालिक की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस ने जांच जारी होने का हवाला देते हुए अधिक जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है।


मणिपुर में शराबबंदी कानून

मणिपुर में शराब पर प्रतिबंध

मणिपुर में 1991 के शराब निषेध अधिनियम के लागू होने के बाद से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है। हालांकि, यह कानून अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों को पारंपरिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए शराब बनाने की कुछ छूट देता है। सितंबर 2022 में, मणिपुर सरकार ने नीतिगत बदलाव करते हुए शराबबंदी को आंशिक रूप से हटाया, जिसके तहत जिला मुख्यालयों, 20 बेड वाले होटलों और पारंपरिक रूप से तैयार स्थानीय शराब के निर्यात की अनुमति दी गई।


अवैध शराब का व्यापार

काला बाजार का विस्तार

इन छूटों के बावजूद, अवैध शराब का व्यापार बड़े पैमाने पर जारी है। इंफाल और अन्य शहरी क्षेत्रों में काला बाजार फल-फूल रहा है। कुछ सड़क किनारे विक्रेता कथित तौर पर राजभवन से 500 मीटर की दूरी पर सरकारी प्रतिष्ठानों के पास ऊंची कीमतों पर शराब बेच रहे हैं।


जांच की प्रगति

मामले की जांच जारी

अधिकारियों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि जब्त की गई खेप स्थानीय वितरण के लिए थी या सीमा पार तस्करी के लिए। जांच के आगे बढ़ने पर और विवरण सामने आने की उम्मीद है।