मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, सुरक्षा बलों को तैनात किया गया

मणिपुर में हिंसा की नई लहर
मणिपुर में हिंसा: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में रविवार रात को एक बार फिर से हिंसा की घटनाएं सामने आईं। भीड़ ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन के एक प्रमुख नेता कैल्विन ऐखेंथांग के निवास को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते सुरक्षा बलों को गश्त पर लगाया गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जबकि अधिकारियों का मानना है कि यह एक सुनियोजित हमला था।
सुरक्षा बलों की तत्परता
इसी दौरान, कुकी जो काउंसिल और इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के प्रवक्ता गिंजा वुआलजोंग के घर पर भी हमला किया गया, लेकिन सुरक्षा बल समय पर पहुंच गए और उनके घर को बचा लिया। यह घटना उस समय हुई है जब केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन ने हाल ही में शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे।
जातीय संघर्ष की पृष्ठभूमि
लंबे समय से चल रहा संघर्ष: 4 सितंबर को कुकी-जो संगठनों, केएनओ और यूपीएफ ने केंद्र के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) समझौते पर दोबारा हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और स्थायी शांति की दिशा में काम करने का वादा किया गया था। अधिकारियों को उम्मीद थी कि इससे जातीय संघर्ष में कमी आएगी, लेकिन हाल की घटनाओं ने स्थिति को फिर से तनावपूर्ण बना दिया है।
सुरक्षा बलों को सहयोग की आवश्यकता
एनएच-2 पर स्थिति: एनएच-2 को लेकर भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह हाईवे मणिपुर की जीवनरेखा है। हाल ही में कुकी जो काउंसिल ने इसे आम लोगों और आवश्यक सामान के लिए खोलने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में काउंसिल ने इसका खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल सुरक्षा बलों को सहयोग की अपील की गई थी ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
काउंसिल की चेतावनी
संघर्ष का समाधान आवश्यक: काउंसिल ने चेतावनी दी है कि जब तक मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच विवाद का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक किसी भी व्यक्ति को दूसरे समुदाय के क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मणिपुर में मई 2023 से दोनों समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।