मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग का बड़ा कदम
चुनाव आयोग का विशेष पुनरीक्षण
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान किया है। इनमें पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं, जहां अगले वर्ष चुनाव होने वाले हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश, गुजरात और गोवा भी ऐसे राज्य हैं, जहां 2027 में चुनाव होंगे। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि बिहार की तरह विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीतिक और कानूनी संघर्ष करेंगे, लेकिन अब उन्होंने अपना रुख बदल लिया है। इन राज्यों की विपक्षी पार्टियां एसआईआर में चुनाव आयोग के साथ सहयोग करेंगी। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि भाजपा विरोधी दलों ने भी अपने बूथ स्तर के एजेंट नियुक्त कर दिए हैं, जो बूथ स्तर के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे.
समाजवादी पार्टी की रणनीति
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपने बूथ स्तर के एजेंटों को 'एसआईआर पीडीए प्रहरी' नाम दिया है। चुनाव आयोग के साथ सहयोग करने के साथ-साथ, समाजवादी पार्टी ने एक राजनीतिक संदेश भी तैयार किया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार और भाजपा एसआईआर के माध्यम से पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के वोटों को काटने का प्रयास कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रहरी इसे रोकेंगे। उल्लेखनीय है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछला लोकसभा चुनाव पीडीए के समीकरण के साथ लड़ा था और सबसे अधिक सीटें जीती थीं। वहीं, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके ने भी अपने प्रतिनिधियों को नियुक्त किया है, ताकि उनके समर्थकों के वोट सुरक्षित रहें। हालांकि, बंगाल और तमिलनाडु में दोनों पार्टियों को सरकार में होने का लाभ मिलेगा, जबकि सपा की तैयारी अधिक संगठित प्रतीत होती है.
