मथुरा मुद्दा: भाजपा की चुनावी रणनीति में नया मोड़

भव्य राममंदिर का उद्घाटन और मथुरा का मुद्दा
अयोध्या में भव्य राममंदिर के उद्घाटन का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए लोकसभा चुनाव में अपेक्षित लाभ नहीं ला सका। फिर भी, भाजपा मंदिरों के मुद्दे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा का मुद्दा तेजी से उभर रहा है। विभिन्न स्तरों पर इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है और विभिन्न स्थानों पर दिए जा रहे बयानों से इसके संकेत मिल रहे हैं। यह सब शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अदालत में की गई अपील से शुरू हुआ था, लेकिन अब यह मुद्दा और भी आगे बढ़ चुका है। यह स्पष्ट है कि यह विषय जमीनी स्तर पर जोर पकड़ने लगा है। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दोनों ही किसी न किसी तरीके से इसका संकेत दे रहे हैं.
धीरेंद्र शास्त्री का मथुरा दौरा
हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री मथुरा पहुंचे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं, जिनकी चर्चा जोरों पर है। उन्होंने कहा कि भगवान राम पहले से विराजमान हैं और अब कृष्ण कन्हैया भी विराजेंगे। उन्होंने मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह विवाद की ओर इशारा किया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि धर्मस्थलों पर राष्ट्रीय गीत जैसे वंदेमातरम बजना चाहिए, जिससे यह पता चलेगा कि राष्ट्र के प्रति श्रद्धा किसके मन में कितनी है। धीरेंद्र शास्त्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की। ये बातें राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भाजपा ने धीरेंद्र शास्त्री के इंटरव्यू का वीडियो अपने सोशल मीडिया पेज पर साझा किया है।
जन जागरण यात्रा का आयोजन
धीरेंद्र शास्त्री दिल्ली से मथुरा की यात्रा करने वाले हैं। 7 नवंबर से 16 नवंबर तक वे दिल्ली से वृंदावन की 170 किलोमीटर की यात्रा पैदल करेंगे, जिसमें देश भर के साधु संत उनके साथ होंगे। इस यात्रा का उद्देश्य मथुरा के मुद्दे पर जन जागरण करना है। नवंबर की इस यात्रा और इसकी तैयारी से जो माहौल बनेगा, उसका असर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
संघ का समर्थन और सांप्रदायिक मुद्दे
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या का मामला सुलझ गया है और भगवान राम वहां विराजमान हो गए हैं, इसलिए संघ का काम पूरा हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ किसी अन्य मंदिर आंदोलन में शामिल नहीं होगा, लेकिन यदि संघ के स्वयंसेवक मथुरा या काशी के किसी आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं, तो संघ उन्हें रोकने का प्रयास नहीं करेगा। इसका अर्थ है कि मथुरा में जो कुछ भी किया जा रहा है, उसे संघ का समर्थन प्राप्त है। भाजपा ने बागेश्वर धाम के आचार्य का वीडियो साझा करके अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले मुद्दे चर्चा में हैं।