मद्रास हाई कोर्ट का आधार कार्ड पर महत्वपूर्ण निर्णय: नागरिकों का अधिकार
 
                           
                        आधार कार्ड का अद्यतन: नागरिकों का मूल अधिकार
चेन्नई- मद्रास हाई कोर्ट ने आधार कार्ड से संबंधित एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के लिए अपने आधार डेटा को अपडेट करना एक मूलभूत और कानूनी अधिकार है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिकों को इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना चाहिए। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देशभर में आधार अपडेट की सुविधाएं स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध हों।
जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन की एकल पीठ ने यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान की। उन्होंने कहा कि आधार अब कई सरकारी योजनाओं और सेवाओं का आधार बन चुका है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की गलती या अपडेट का अधिकार नागरिकों को बिना किसी कठिनाई के मिलना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली अधिकांश सुविधाओं के लिए आधार आवश्यक है, तो इसका अद्यतन कराना भी नागरिकों का संवैधानिक अधिकार बन जाता है। यदि लोगों को इस प्रक्रिया के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़े या घंटों तक लाइन में लगना पड़े, तो यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। बेंच ने UIDAI को निर्देश दिया कि वह पूरे देश में आधार अपडेट केंद्रों की संख्या बढ़ाए और यह सुनिश्चित करे कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी नागरिकों को आधार सेवाओं तक सरल पहुंच मिले।
