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मनरेगा का नाम बदलने पर संसद में गरमागरम बहस

लोकसभा में मनरेगा से जुड़े एक नए विधेयक पर चर्चा हुई, जिसमें योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और शशि थरूर ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। थरूर ने महात्मा गांधी के नाम को हटाने को नैतिक रूप से गलत बताया और कहा कि इससे ग्रामीण विकास और गांधीजी के विचारों के बीच का संबंध कमजोर होगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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मनरेगा का नाम बदलने पर संसद में गरमागरम बहस

नई दिल्ली में मनरेगा से जुड़ा विधेयक पेश

नई दिल्ली: लोकसभा में मनरेगा से संबंधित एक नया विधेयक प्रस्तुत किया गया है, जिसमें इस योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव है। सरकार 'मनरेगा' का नाम बदलकर 'विकसित भारत- जी राम जी' योजना रखने की योजना बना रही है। इस मुद्दे पर संसद में तीखी बहस हुई।


प्रियंका गांधी का विरोध

प्रियंका गांधी ने प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। लंबे समय बाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी पार्टी के पक्ष में बोलते हुए कहा कि वे मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने के खिलाफ हैं। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर पहले ही काफी चर्चा हो चुकी है, इसलिए वे विस्तार में नहीं जाएंगे।


थरूर का विरोध

कांग्रेस के पक्ष में खड़े हुए थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने 'जी राम जी' नाम वाले इस विधेयक का विरोध किया। उनका कहना था कि महात्मा गांधी का राम राज्य का विचार किसी राजनीतिक एजेंडे से नहीं जुड़ा था, बल्कि यह समाज को सुधारने की सोच थी। गांधी जी का उद्देश्य गांवों को मजबूत बनाना और समाज में समानता लाना था। ऐसे में उनके नाम को इस योजना से हटाना गलत और नैतिक रूप से अनुचित है। उन्होंने एक पुरानी पंक्ति का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि 'देखो ओ दिवानों ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो'।


योजना के लिए वित्तीय चुनौतियाँ

'योजना के लिए पैसा जुटाना मुश्किल होगा'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आगे कहा कि योजना के बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा सीधे राज्य सरकारों पर डालना उचित नहीं है। इससे उन राज्यों को कठिनाई होगी, जिनकी आमदनी पहले से ही कम है। जो राज्य केंद्र की सहायता पर निर्भर हैं, उनके लिए इस योजना के लिए धन जुटाना कठिन हो जाएगा। उन्होंने पार्टी के पक्ष में खुलकर अपनी बात रखी, जो काफी समय बाद देखने को मिला। इससे पहले, वह कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर चुके थे और कांग्रेस की लगातार तीन बैठकों में भी शामिल नहीं हुए थे। इस कारण उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।


थरूर का दृष्टिकोण

शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की थी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ग्राम स्वराज और राम राज्य की अवधारणाएं कभी एक-दूसरे के विरोध में नहीं रहीं, बल्कि ये दोनों महात्मा गांधी के विचारों का महत्वपूर्ण हिस्सा थीं।


विभाजन की चेतावनी

'विभाजन पैदा करना गलत है'

शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मनरेगा का नाम बदलकर उसमें से गांधीजी का नाम हटाना उस गहरे संबंध को नजरअंदाज करना है, जो ग्रामीण विकास और गांधीजी के विचारों के बीच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गांधीजी के जीवन के अंतिम क्षणों में भी 'राम' का नाम था, इसलिए उनके नाम को हटाकर किसी तरह का विभाजन पैदा करना गलत है।