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मनीषा कोइराला ने नेपाल में हिंसा पर जताया दुख, साझा की भावनाएं

नेपाल में हालिया हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मनीषा कोइराला ने अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने एक पोस्ट में खून से सने जूते की तस्वीर साझा की और इसे नेपाल के लिए एक काला दिन बताया। मनीषा का नेपाल से गहरा संबंध है, जहां उनका जन्म हुआ और उनके परिवार के सदस्य महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर रहे हैं। जानें उनके इस मुद्दे पर क्या विचार हैं और उनका नेपाल से क्या कनेक्शन है।
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मनीषा कोइराला ने नेपाल में हिंसा पर जताया दुख, साझा की भावनाएं

नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवा वर्ग ने जोरदार प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोगों की जान चली गई। इस संकट पर अभिनेत्री मनीषा कोइराला का दर्द स्पष्ट रूप से सामने आया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें एक खून से सना जूता दिखाया गया है। उन्होंने नेपाली भाषा में लिखा, 'आजको दिन नेपालका लागि कालो दिन हो — जब जनताको आवाज, भ्रष्टाचारविरुद्धको आक्रोश न्यायको मागलाई गोलीले जवाफ दिइयो,' जिसका अर्थ है कि आज नेपाल के लिए एक काला दिन है, जब लोगों की आवाज और न्याय की मांग का जवाब गोलियों से दिया गया।


मनीषा कोइराला का नेपाल से संबंध

नेपाल से क्या मनीषा कोइराला का कनेक्शन?

मनीषा कोइराला का जन्म नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुआ था। उनके दादा विशेश्वर प्रसाद नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जबकि उनके पिता प्रकाश कैबिनेट मंत्री थे। मनीषा ने 1989 में नेपाली फिल्म 'फेरी भेटौला' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और बाद में सुभाष घई की फिल्म 'सौदागर' से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके अलावा, मनीषा नेपाली लड़कियों की वेश्यावृत्ति और तस्करी को रोकने के लिए भी काम कर रही हैं।