ममता बनर्जी ने विद्यासागर की पुण्यतिथि पर बीजेपी पर किया हमला

विद्यासागर की पुण्यतिथि पर ममता बनर्जी का श्रद्धांजलि कार्यक्रम
ममता बनर्जी ने विद्यासागर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके सिद्धांत और शिक्षाएं आज भी महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर चंद्र विद्यासागर, 19वीं सदी के बंगाल के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे, जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह, महिला शिक्षा और बाल विवाह के खिलाफ सामाजिक सुधारों के लिए निरंतर प्रयास किए। ममता बनर्जी अक्सर विद्यासागर को बंगाल की पहचान और प्रगतिशील विचारों का प्रतीक मानती हैं।श्रद्धांजलि कार्यक्रम में, ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी बंगाली भाषा और संस्कृति पर लगातार हमले कर रही है और बंगाल की पहचान को मिटाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, "बीजेपी हमारी संस्कृति को नहीं समझती और हमारी भाषा का सम्मान नहीं करती। वे बंगाल की समृद्ध विरासत को नष्ट करना चाहते हैं।"
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि बीजेपी बाहरी लोगों को बंगाल पर थोपने की कोशिश कर रही है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक विविधता को खतरा हो रहा है। यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बंगाली अस्मिता और भाषा पर हमले का आरोप लगाया है। पिछले कुछ वर्षों में, पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान और बाद में, भाषा और संस्कृति का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र रहा है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी को 'बाहरी' पार्टी के रूप में चित्रित किया है, जो बंगाली संस्कृति को नहीं समझती, जबकि बीजेपी इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को बंगाल के विकास के लिए प्रतिबद्ध बताती है।
ममता बनर्जी का यह बयान आगामी लोकसभा चुनावों और राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है। बंगाली भाषा और सांस्कृतिक पहचान का मुद्दा पश्चिम बंगाल में भावनात्मक रूप से संवेदनशील है और यह मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है। ममता बनर्जी इस मुद्दे को उठाकर बंगाली गौरव और क्षेत्रीय पहचान की भावना को भुनाने का प्रयास कर रही हैं।
विद्यासागर की प्रतिमा को लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुई तोड़फोड़ की घटना भी इस संदर्भ में याद की जाती है, जब कोलकाता में एक रैली के दौरान विद्यासागर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। उस घटना के बाद भी ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को अपमानित करने का आरोप लगाया था।