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महाराष्ट्र की राजनीति में खडसे के आरोपों से बढ़ा तनाव

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के कार्यकर्ता लोगों को डराने-धमकाने का काम कर रहे हैं। इस विवाद ने महायुति गठबंधन में चल रहे आंतरिक तनाव को और बढ़ा दिया है। जानें इस राजनीतिक संकट की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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महाराष्ट्र की राजनीति में खडसे के आरोपों से बढ़ा तनाव

राजनीतिक टकराव की नई लहर


मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रक्षा खडसे ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शिंदे गुट के कार्यकर्ता मुक्ताईनगर विधानसभा क्षेत्र में लोगों को डराने-धमकाने का काम कर रहे हैं और गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।


खडसे के आरोपों का असर

खडसे ने यह भी कहा कि उनकी बेटी को भी इस दबाव का सामना करना पड़ा है। उनके आरोपों ने 'महायुति' गठबंधन में चल रहे आंतरिक तनाव को और स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि शिंदे गुट के कुछ कार्यकर्ता अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों को समर्थन दे रहे हैं। खडसे ने यह भी बताया कि मुक्ताईनगर क्षेत्र पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन अब यह क्षेत्र शिंदे खेमे के नियंत्रण में चला गया है।


खडसे की राजनीतिक यादें

खडसे ने यह भी याद दिलाया कि उनके ससुर एकनाथ खडसे ने भाजपा के नेतृत्व में इस सीट से कई बार जीत हासिल की थी। हालांकि, 2024 में शिवसेना के चंद्रकांत पाटिल ने यहां से चुनाव जीता था। खडसे ने कहा कि गठबंधन की बातचीत ठप हो गई और भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जो भाजपा की परंपरा के अनुरूप नहीं है।


चंद्रशेखर बावनकुले का बयान

इस विवाद के बीच, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 'महायुति' गठबंधन की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन 51 प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत के साथ अधिकतम सीटें जीतने में सफल होगा। बावनकुले ने यह भी कहा कि यदि सहयोगियों के बीच कुछ मतभेद हैं, तो उन्हें चुनाव परिणामों के बाद सुलझा लिया जाएगा।


उन्होंने बताया कि राज्य में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव 2 दिसंबर को होंगे और परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही, नगर निगम चुनाव जनवरी 2026 में होने की संभावना है। बावनकुले ने कहा कि जहां भी महायुति के घटक दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं, वहां मतदाताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी जनता के बीच मजबूत स्थिति में हैं और चुनावी परिणाम गठबंधन की एकजुटता को साबित करेंगे।