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महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पर जंगली रमी खेलने का आरोप

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर जंगली रमी खेलने का आरोप लगा है। विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया, जिसमें मंत्री को रमी खेलते हुए दिखाया गया है। पवार ने कहा कि मंत्री के पास काम नहीं है, जबकि राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
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महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पर जंगली रमी खेलने का आरोप

माणिकराव कोकाटे का विवाद

माणिकराव कोकाटे वीडियो: महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल फिर से तेज हो गई है। राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया है कि कृषि मंत्री विधानसभा में अपने मोबाइल पर जंगली रमी खेल रहे थे। उन्होंने इस पोस्ट में हैशटैग के साथ लिखा, 'जंगली रमी पे आओ ना महाराज!'


रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दो वीडियो साझा करते हुए कहा कि मंत्री रमी खेल रहे हैं क्योंकि भाजपा शासन में उनके पास कोई काम नहीं बचा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में हर दिन आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, फिर भी काम न होने के कारण कृषि मंत्री को रमी खेलने का समय मिल जाता है।


विधायक ने आगे कहा कि क्या इन मंत्रियों और भटकी हुई सरकार को फसल बीमा और कर्जमाफी की मांग कर रहे किसानों की यह दर्द भरी पुकार कभी सुनाई देगी, 'गरीब किसानों की खेती में भी आइए महाराज'? खेल बंद कीजिए, कर्जमाफी कीजिए। फिलहाल, इस वीडियो पर कृषि मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।



ऑनलाइन जुए पर पाबंदी की तैयारी

यह विवाद उस समय सामने आया है जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान भवन में ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। लेकिन उनके मंत्री के रमी खेलते वीडियो ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।


सीएम फडणवीस ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग ने युवा पीढ़ी को काफी प्रभावित किया है। लोग अपना पैसा गंवा चुके हैं, कुछ अपराध कर रहे हैं, और आत्महत्या के कई मामले भी सामने आए हैं। इसलिए ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नियम बनाना आवश्यक हो गया है।


पिछले चार-पांच वर्षों में यह समस्या तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में आईटी नियमों और विनियमों के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती। हमने इसकी वैधानिकता की जांच की और यह भी देखा कि क्या नए कानून की आवश्यकता है।