महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव: महायुति और महाविकास अघाड़ी की परीक्षा
महाराष्ट्र में चुनावी हलचल
पिछले वर्ष महाराष्ट्र में महायुति, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं, ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। अब, एक साल बाद, इस सरकार की स्थिरता और गठबंधन की ताकत की परीक्षा होने जा रही है। राज्य चुनाव कार्यालय ने शहरी निकायों के चुनाव की घोषणा की है, जिसमें बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव भी शामिल है। बीएमसी और 28 अन्य नगर निकायों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 16 जनवरी को की जाएगी। बीएमसी के चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है, जबकि अन्य निकायों की अधिसूचना 18 दिसंबर को जारी होगी। इस चुनाव में महायुति की ताकत का परीक्षण होगा, साथ ही महाविकास अघाड़ी को अपनी स्थिति सुधारने का अवसर भी मिलेगा।
अमित शाह की पहल से ऐसा प्रतीत होता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन की तीनों पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी। पहले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस अकेले चुनाव लड़ने के मूड में थे, लेकिन एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा और अमित शाह से मुलाकात के बाद, मुंबई में फड़नवीस, शिंदे और अजित पवार ने एक साथ लड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, बीएमसी में शिंदे और पवार की स्थिति मजबूत नहीं है। असली मुकाबला भाजपा और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच होगा। उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और शरद पवार इस स्थिति में कैसे मदद करते हैं। कांग्रेस को राज ठाकरे के साथ जाने में संकोच है, लेकिन उद्धव किसी भी हाल में बीएमसी पर कब्जा करना चाहते हैं। ध्यान देने योग्य है कि चार साल से बीएमसी का चुनाव नहीं हुआ है, और इससे पहले 25 वर्षों तक इस पर शिवसेना का नियंत्रण था।
