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महाराष्ट्र में भाषा विवाद: बीजेपी नेता का विवादास्पद बयान

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाषा विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। बीजेपी नेता आशीष शेलार ने गैर-मराठी भाषियों पर हो रही हिंसा की तुलना जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम आतंकी हमले से की है। इस विवाद ने मराठी और गैर-मराठी भाषियों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। ठाकरे बंधुओं का पुनर्मिलन और तीन-भाषा नीति पर विवाद ने राजनीतिक रुख को और स्पष्ट किया है। शेलार ने ठाकरे बंधुओं पर तंज करते हुए बीजेपी के विकास के वादे को भी दोहराया है।
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महाराष्ट्र में भाषा विवाद: बीजेपी नेता का विवादास्पद बयान

भाषा विवाद से गरमाया राजनीतिक माहौल

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाषा विवाद ने राजनीतिक स्थिति को गर्म कर दिया है। इस संदर्भ में, बीजेपी के नेता और राज्य के मंत्री आशीष शेलार ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हो रही हिंसा की तुलना जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले से की है। यह बयान उस समय आया है जब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) पर गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हमलों और धमकियों के आरोप लग रहे हैं।


मराठी और गैर-मराठी भाषियों के बीच तनाव

महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषियों के बीच बढ़ता तनाव अब एक राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। हाल ही में, मुंबई में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को थप्पड़ मारा क्योंकि उसके कर्मचारी ने हिंदी में बात की थी। इस घटना ने भाषा विवाद को और बढ़ा दिया है।


राजनीतिक रेखाएं खींचता विवाद

भाषा विवाद ने खींचीं राजनीतिक रेखाएं

आशीष शेलार ने इस हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पाहलगाम में लोगों को उनके धर्म के आधार पर मारा गया। और यहाँ महाराष्ट्र में हिंदुओं को केवल उनकी भाषा के कारण निशाना बनाया जा रहा है। इन दोनों में क्या अंतर है?" पाहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों की धर्म के आधार पर हत्या कर दी गई थी। एक स्थानीय घुड़सवार भी हमलावरों से लड़ते हुए मारा गया।


तीन-भाषा नीति और ठाकरे बंधुओं का पुनर्मिलन

तीन-भाषा नीति और ठाकरे बंधुओं का पुनर्मिलन

महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब उद्धव और राज ठाकरे ने इसे मराठी भाषियों पर हिंदी थोपने की कोशिश करार दिया। एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) के विरोध के बाद सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया। इस मुद्दे ने ठाकरे बंधुओं को दो दशकों बाद फिर से एक मंच पर ला दिया। मुंबई में आयोजित एक विशाल रैली में दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर "विजय" का दावा किया और मराठी अस्मिता की रक्षा का संकल्प दोहराया।


बीजेपी का तंज और विकास का वादा

बीजेपी का तंज और विकास का वादा

आशीष शेलार ने ठाकरे बंधुओं के पुनर्मिलन पर तंज कसते हुए कहा, "बीजेपी संयुक्त परिवार व्यवस्था में विश्वास करती है।" उन्होंने रैली पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राज ठाकरे का भाषण अधूरा था, और उद्धव का भाषण सत्ता खोने के दर्द को दर्शाता था।" शेलार ने उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लिए गठबंधन बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे सत्ता के बिना नहीं रह सकते। वे कुर्सी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। न विचारधारा मायने रखती है, न मराठी अस्मिता, न महाराष्ट्र। जब उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं मिला, तो वे बीजेपी छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के पास चले गए।