Newzfatafatlogo

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में राजनीतिक विवाद गहराया

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच मनसे को गठबंधन में शामिल करने को लेकर विवाद गहरा गया है। कांग्रेस ने बीएमसी और अन्य निकाय चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है, जबकि शरद पवार ने ठाकरे बंधुओं के साथ गठबंधन का संकेत दिया है। इस राजनीतिक टकराव के कारण महाविकास अघाड़ी की वैचारिक छवि पर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 | 
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में राजनीतिक विवाद गहराया

राजनीतिक टकराव की शुरुआत


मुंबई: महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महा विकास अघाड़ी में एक बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच मनसे को गठबंधन में शामिल करने को लेकर खुला मतभेद उभरकर सामने आया है। कांग्रेस मनसे को एमवीए में शामिल करने के खिलाफ है, जिसके चलते उसने बीएमसी और अन्य निकाय चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है।


शरद पवार का रुख

इस बीच, शरद पवार के रुख ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के बजाय ठाकरे बंधुओं के साथ गठबंधन का संकेत दिया है। बीएमसी चुनाव को लेकर शरद गुट की एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी नेताओं ने एकमत से यह सुझाव दिया कि शिवसेना (उद्धव गुट) और राज ठाकरे की मनसे के साथ चुनाव लड़ा जाए।


बैठक में शामिल नेता

बैठक में सुप्रिया सुले, राखी जाधव और जितेंद्र आह्वाड शामिल थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया कि बीजेपी के अलावा किसी भी दल के साथ गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। इससे कांग्रेस को एक बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है। पिछले हफ्ते, कांग्रेस ने शरद पवार से मुलाकात की थी और उनसे आग्रह किया था कि बीएमसी चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस एक साथ लड़ें और मनसे को गठबंधन में शामिल न किया जाए।


कांग्रेस का तर्क

कांग्रेस का कहना है कि मनसे का साथ लेने से महा विकास अघाड़ी की वैचारिक छवि कमजोर होगी। हालांकि, शरद पवार ने आश्वासन दिया था कि 22 नवंबर को आंतरिक बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा। अब शरद गुट की बैठक के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि वे ठाकरे भाइयों के साथ गठबंधन की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं।


कांग्रेस में मतभेद

कांग्रेस में मनसे को लेकर मतभेद भी उभर रहे हैं। विजय वडेट्टीवार ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए और मनसे के साथ गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। जबकि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड ने मनसे के साथ किसी भी साझेदारी को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि मुंबई कांग्रेस ने स्पष्ट निर्णय लिया है कि वह उन पार्टियों के साथ नहीं जाएगी जो राजनीतिक टकराव को पसंद करती हैं।


संजय राउत की प्रतिक्रिया

उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस दिल्ली से आदेश का इंतजार कर रही है और मुंबई कांग्रेस का निर्णय अंतिम नहीं माना जा सकता। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि शिवसेना और मनसे पहले ही एक साथ आ चुके हैं और इसके लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। राउत ने यह भी दावा किया कि शरद पवार और लेफ्ट पार्टियां भी साथ हैं और यह गठबंधन मुंबई को बचाने के लिए आवश्यक है।