महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव: विपक्षी गठबंधन की चुनौती और महायुति की स्थिति
राज्यसभा की सीटों का बंटवारा
अप्रैल 2024 में महाराष्ट्र में राज्यसभा की सात सीटें खाली होने जा रही हैं। इनमें से दो सीटें शरद पवार की एनसीपी की हैं, एक उद्धव ठाकरे की शिवसेना की और एक कांग्रेस की। इस प्रकार, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के पास चार सीटें हैं। शेष तीन सीटें महायुति की हैं, जिनमें से दो भाजपा की और एक आरपीआई अठावले की है।
विपक्षी गठबंधन की चार सीटों में से एक शरद पवार की है, जबकि उनकी पार्टी की फौजिया खान भी रिटायर हो रही हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी से प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेस से रजनी पाटिल भी रिटायर हो रही हैं। विपक्षी गठबंधन को अपने दम पर एक सीट मिल सकती है, और उद्धव ठाकरे की कोशिश होगी कि यह सीट उनके खाते में आए। उनकी पार्टी के पास सबसे ज्यादा 20 विधायक हैं, जिसके आधार पर उन्होंने मुख्य विपक्षी पार्टी का दावा किया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने आठ एमएलसी के साथ विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल का दावा किया है। तीनों पार्टियां अपनी संख्या के अनुसार दावेदारी कर रही हैं। उद्धव ठाकरे के पास 20, कांग्रेस के पास 16 और शरद पवार के पास केवल 10 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 35 वोटों की आवश्यकता है। उद्धव और कांग्रेस मिलकर 36 वोट प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे अपने दम पर एक सीट जीत सकते हैं।
विपक्षी गठबंधन को केवल एक सीट मिलने की संभावना है, जबकि शेष छह सीटें महायुति के खाते में जाएंगी। इनमें से तीन सीटें भाजपा के लिए संभावित हैं। शेष तीन में से एक सीट अठावले को दी जा सकती है, और एक-एक सीट एकनाथ शिंदे और अजित पवार को मिल सकती है। यदि पवार परिवार एकजुट हो जाता है, तो शरद पवार एनसीपी की ओर से राज्यसभा में जा सकते हैं। 16 जनवरी को बीएमसी, पीएमसी सहित 29 शहरी निकायों के चुनाव परिणामों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में कई चीजें स्पष्ट होंगी। वर्तमान में, शरद पवार दोनों पक्षों के साथ चल रहे हैं।
