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महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे का गठबंधन: बीएमसी चुनाव की तैयारी

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनावों से पहले शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और मनसे के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है। इस गठबंधन का उद्देश्य मराठी वोट बैंक को एकजुट करना है। संजय राउत की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ, दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा तय हो गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की रणनीतियों पर भी चर्चा हो रही है। जानें इस गठबंधन की घोषणा और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में।
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महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे का गठबंधन: बीएमसी चुनाव की तैयारी

मुंबई में राजनीतिक हलचल


मुंबई: बीएमसी चुनावों से पहले, महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों के बीच बातचीत का अंतिम चरण पूरा हो चुका है और आज इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। इसे मराठी वोट बैंक को एकजुट करने की एक बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।


सीटों का बंटवारा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीएमसी की कुल 227 सीटों में से शिवसेना यूबीटी 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, मनसे को 60 से 70 सीटें मिलने की संभावना है। शेष सीटें एनसीपी शरद पवार गुट और अन्य छोटे सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य वोटों के बंटवारे को रोकना और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को सीधी चुनौती देना है।


संजय राउत की भूमिका

संजय राउत की क्या रही भूमिका?

सूत्रों के अनुसार, इस गठबंधन को अंतिम रूप देने में शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने राज ठाकरे से मुलाकात कर विवादित 10 से 12 सीटों पर सहमति बनाई। इसके बाद मनसे के वरिष्ठ नेता नितिन सरदेसाई और बाला नांदगांवकर 'मातोश्री' पहुंचे और उद्धव ठाकरे से बातचीत की। इसी बैठक में सीट बंटवारे पर लगभग अंतिम सहमति बन गई।


विपक्षी खेमे की रणनीति

विपक्षी खेमे की क्या है योजना?

इस बीच, संजय राउत राहुल गांधी के संपर्क में भी हैं ताकि कांग्रेस को महा विकास आघाड़ी में बनाए रखा जा सके। एनसीपी शरद पवार गुट भी विपक्षी दलों को एकजुट रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है। विपक्षी खेमे का मानना है कि यदि सभी दल एकजुट रहते हैं, तो महायुति को मुंबई में कड़ी चुनौती दी जा सकती है।


गठबंधन की घोषणा

यूबीटी और मनसे के गठबंधन का कैसे होगा ऐलान?

बताया जा रहा है कि शिवसेना यूबीटी और मनसे के गठबंधन की घोषणा वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा सकती है। इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और राजनीतिक विरोधियों को भी एक मजबूत संदेश जाएगा।


सीटों पर चर्चा

सीटों को लेकर क्या हो रही चर्चा?

हालांकि कुछ सीटों को लेकर अब भी चर्चा चल रही है, लेकिन मूल समझौता तय माना जा रहा है। कांग्रेस के मनसे से वैचारिक मतभेद बने हुए हैं और वह अकेले चुनाव लड़ने का मन बना रही है। इसके बावजूद उद्धव गुट को विश्वास है कि उनकी मराठी मुस्लिम रणनीति मुंबई की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकती है।

उधर, बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना के बीच भी सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर जारी है और जल्द ही वहां भी तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।