महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद: उद्धव ठाकरे की शिवसेना का जश्न
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के निर्णय को वापस लेने के बाद जश्न मनाया। इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का समर्थन भी मिला, लेकिन ठाकरे बंधुओं का रुख केवल प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है। संजय राउत ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई इसी तक सीमित है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
Jul 7, 2025, 01:14 IST
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महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद
महाराष्ट्र भाषा विवाद: महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के अपने निर्णय को वापस ले लिया है, जिसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अपनी जीत का जश्न मनाया। इस मुद्दे पर उद्धव और राज ठाकरे को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का समर्थन भी प्राप्त हुआ। हालांकि, स्टालिन को शायद वह समर्थन नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी।
रविवार को, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सीएम स्टालिन को एक बड़ा झटका देते हुए स्पष्ट किया कि उनका हिंदी विरोध केवल प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के निर्णय के खिलाफ है।
संजय राउत का स्टालिन को जवाब
इस विषय पर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा कि हिंदी को थोपने के खिलाफ डीएमके का रुख यह दर्शाता है कि वे हिंदी नहीं बोलेंगे और न ही किसी को बोलने देंगे। लेकिन महाराष्ट्र में हमारा दृष्टिकोण अलग है। हम हिंदी बोलते हैं... हमारा मानना है कि प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी के लिए कोई सख्ती नहीं बरती जाएगी। यह स्पष्ट करते हुए कि ठाकरे बंधुओं का रुख केवल प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है, राउत ने स्टालिन को उनकी लड़ाई में शुभकामनाएं दीं, साथ ही एक सीमा रेखा भी खींची।
यूबीटी सांसद ने आगे कहा कि हमने किसी को हिंदी में बोलने से नहीं रोका है क्योंकि हमारे पास हिंदी फिल्में, थिएटर और संगीत हैं... हमारी लड़ाई केवल प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है। उद्धव और राज ठाकरे के एक मंच पर आने के कुछ घंटों बाद, स्टालिन ने इस मुद्दे पर ठाकरे बंधुओं के रुख का स्वागत किया।
स्टालिन का ट्वीट
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद पर स्टालिन ने ट्विटर पर लिखा कि, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और तमिलनाडु के लोगों द्वारा हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ पीढ़ियों से चलाया जा रहा संघर्ष अब राज्य की सीमाओं को पार कर पूरे महाराष्ट्र में फैल रहा है। ठाकरे बंधुओं के पुनर्मिलन का स्वागत करते हुए स्टालिन ने कहा, हिंदी थोपे जाने के खिलाफ भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में आज मुंबई में आयोजित विजय रैली का उत्साह और शक्तिशाली भाषण हमें अपार उत्साह से भर देता है।