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मानसून में बाढ़ से प्रभावित राज्यों को आर्थिक सहायता की घोषणा

इस वर्ष मानसून के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। केंद्र सरकार ने छह राज्यों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जिससे राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। गृह मंत्री अमित शाह ने SDRF के तहत 1,066.80 करोड़ रुपये की सहायता की जानकारी दी। राहत कार्यों में सेना और एनडीआरएफ की सक्रियता भी महत्वपूर्ण है। जानें हिमाचल प्रदेश और अन्य प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति के बारे में।
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मानसून में बाढ़ से प्रभावित राज्यों को आर्थिक सहायता की घोषणा

देशभर में मानसून के कारण बाढ़ और भूस्खलन

इस वर्ष मानसून के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक तबाही हुई है। उत्तर-पूर्वी राज्यों से लेकर दक्षिण और उत्तर भारत तक, बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस संकट की गंभीरता को देखते हुए, केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छह राज्यों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। इस कदम से राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।


केंद्र सरकार की आर्थिक सहायता

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने SDRF के तहत छह राज्यों को 1,066.80 करोड़ रुपये की सहायता देने की मंजूरी दी है। इनमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, केरल और उत्तराखंड शामिल हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मोदी सरकार हर परिस्थिति में राज्यों के साथ मजबूती से खड़ी है।" अब तक SDRF और NDRF के माध्यम से 19 राज्यों को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। यह आर्थिक सहायता केंद्र द्वारा प्रदान की गई है, ताकि राज्य अपने स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से कर सकें।


सेना और एनडीआरएफ की सक्रियता

सेना और एनडीआरएफ की सक्रिय भूमिका

बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने सेना, वायुसेना और NDRF की तैनाती को प्राथमिकता दी है। विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में 'ऑपरेशन जल राहत-2' के तहत अब तक 40 राहत कॉलम भेजे जा चुके हैं। इन राहत टीमों ने 3,820 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, 15,000 से अधिक पानी की बोतलें और 1,361 खाद्य पैकेट वितरित किए हैं। इसके साथ ही 2,000 से अधिक लोगों को चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान की गई हैं। यह राहत अभियान लगातार जारी है और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हर प्रभावित क्षेत्र में मदद पहुंचाई जा रही है।


हिमाचल प्रदेश में स्थिति गंभीर

हिमाचल प्रदेश में हालात गंभीर

हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। राज्य सरकार के अनुसार, 20 जून से अब तक लगभग 740 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति हो चुकी है। विशेष रूप से मंडी जिले में स्थिति गंभीर है, जहां सेना के जवान राहत कार्य में जुटे हैं। एक ब्रिगेड कमांडर स्वयं मौके पर मौजूद हैं और संचालन का जिम्मा संभाले हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों जैसे डेगी, रुशद और चापड़ में सेना की मदद से राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है। वहीं, असम, नागालैंड और मणिपुर में जलस्तर कम होने के बावजूद अलर्ट जारी है, क्योंकि नदियां अभी भी खतरे के निशान पर बह रही हैं।