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मायावती की रैली में आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के संकेत

लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की एक भव्य रैली में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद का समर्थन करने की अपील की, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन्होंने अनौपचारिक रूप से आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। मायावती ने रैली में समाजवादी पार्टी और भाजपा पर भी निशाना साधा और 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा की जीत का दावा किया। इस रैली में उमड़ी भीड़ ने मायावती की कोशिशों को सफल बताया है। जानें इस रैली के बारे में और क्या कहा मायावती ने।
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मायावती की रैली में आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के संकेत

लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की भव्य रैली

Lucknow Mayawati Rally: कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी ने एक विशाल रैली का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए। रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर बसपा की नेता मायावती बेहद खुश नजर आईं और उन्होंने लोगों को संबोधित किया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने विशिष्ट अंदाज में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर तीखे हमले किए और बसपा सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। अपने भाषण में मायावती ने लोगों से अपने भतीजे आकाश आनंद का समर्थन करने की अपील की, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अनौपचारिक रूप से आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है।


मायावती का भविष्यवाणी

रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर मायावती ने दावा किया कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, "जिस तरह से आपने माननीय कांशीराम का साथ दिया, फिर मेरा साथ दिया, उसी तरह अब मेरे साथ-साथ आकाश का भी साथ दीजिये।" इस बयान के बाद से यह चर्चा तेज हो गई है कि मायावती ने अपने भतीजे को उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार कर लिया है।


आकाश आनंद का पार्टी में पुनर्वास

कभी पार्टी तक से निष्कासित हो गए थे आकाश आनंद

हाल ही में मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। हालांकि, बाद में उन्होंने आकाश को माफ कर दिया और कहा कि वह गलत रास्ते पर चले गए थे, लेकिन अब सही दिशा में हैं। मायावती ने पहले कहा था कि वह अपने जीवन में किसी को भी उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी, लेकिन आज जब उन्होंने आकाश का समर्थन करने की बात की, तो यह संकेत देता है कि उन्होंने अनौपचारिक रूप से आकाश को अपना उत्तराधिकारी मान लिया है।


बसपा का अस्तित्व बचाने की कोशिश

अपना खोया हुआ वजूद में तलाशने में जुटी है बहुजन समाज पार्टी

हाल के चुनावों में बसपा का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है, और पार्टी अब अपने अस्तित्व को बचाने के प्रयासों में जुटी है। मायावती इन प्रयासों को आगे बढ़ाने में सक्रिय हैं, जो सोशल इंजीनियरिंग में माहिर मानी जाती हैं। आज की रैली में उमड़ी भीड़ यह दर्शाती है कि मायावती की कोशिशें रंग ला रही हैं। यदि बसपा एक बार फिर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने में सफल होती है, तो 2027 का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो सकता है।