मायावती ने जातिवादी पार्टियों पर साधा निशाना, दलितों को सावधान रहने की दी सलाह

मायावती का बयान
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर बिना नाम लिए तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जातिवादी दल एक सुनियोजित योजना के तहत बसपा के समर्थकों को अपने संगठन में शामिल करने के लिए कांशीराम और उनके नाम का सहारा ले रहे हैं। इस पर लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
बसपा की भूमिका
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में मायावती ने बताया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाली एकमात्र पार्टी बसपा है। उन्होंने कहा कि जब से पार्टी के सांसद और विधायक बने हैं, तब से यह कई बार सत्ता में आई है। सत्ताधारी और विपक्षी दल, जो अंबेडकर विरोधी जातिवादी हैं, बसपा को कमजोर करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं।
दलितों के लिए चेतावनी
मायावती ने दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों को चेतावनी दी कि उन्हें ऐसे अवसरवादी संगठनों से दूर रहना चाहिए, जो बसपा के सिद्धांतों से भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों का बसपा के मिशन से कोई संबंध नहीं है और पार्टी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ईवीएम पर सवाल
मायावती ने यह भी कहा कि जातिवादी दल अपने राजनीतिक लाभ के लिए ईवीएम में धांधली कर रहे हैं, जिससे बसपा के उम्मीदवारों की जीत में बाधा आ रही है। उन्होंने सभी चुनावों को बैलेट पेपर के माध्यम से कराने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने देश की राजनीति में बढ़ती नकारात्मकता और असभ्यता पर भी चिंता व्यक्त की।