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मुजफ्फरपुर में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी: मुस्लिम नामों का विवाद

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में वोटर लिस्ट में गंभीर गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जहां हिंदू परिवारों के पते पर मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी उनके घरों के पते पर मुस्लिम नाम जोड़े गए हैं। इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है और उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि यह एक सुनियोजित साजिश है।
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मुजफ्फरपुर में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी: मुस्लिम नामों का विवाद

मुजफ्फरपुर में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी

मुजफ्फरपुर वोटर लिस्ट घोटाला: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में वोटर लिस्ट में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। सकरा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर हिंदू परिवारों के पते पर मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके गांव में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी उनके घरों के पते पर मुस्लिम नाम जोड़े गए हैं। इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है और उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।


ग्रामीणों ने बताया कि कई घरों में एक ही पते पर हिंदू और मुस्लिम दोनों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं। बूथ संख्या 223, उत्क्रमित मध्य विद्यालय साहदुल्लाहपुर में मकान संख्या 2 पर पूनम देवी के साथ लाडली खातून का नाम दर्ज है। मकान संख्या 3 में हिंदू परिवार के नामों के बीच मो. जुनैद का नाम है। इसी तरह, मकान संख्या 4, 10, 36, 37 और 38 पर भी मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं, जबकि स्थानीय लोग दावा करते हैं कि वहां कोई मुस्लिम परिवार नहीं है।


खाली घरों पर भी जोड़े गए नाम

खाली मकानों में नामों की अनियमितता: उमेश ठाकुर के मकान संख्या 50 पर उनका परिवार पिछले 20 वर्षों से समस्तीपुर में रह रहा है और घर खाली है, फिर भी वोटर लिस्ट में उनके पते पर 7-8 मुस्लिम नाम दर्ज हैं। इसी तरह, मकान संख्या 39 में 8 मुस्लिम नाम जोड़े गए हैं जबकि वहां 6 हिंदू मतदाता हैं। मकान संख्या 56 में 7 हिंदू वोटरों के साथ 11 मुस्लिम नाम दर्ज हैं। मकान संख्या 51 में 3 हिंदू मतदाताओं के बीच 6 मुस्लिम नाम जोड़े गए हैं।


ग्रामीणों का आरोप और आशंका

सुनियोजित साजिश का आरोप: ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल गलती नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है। उनका कहना है कि यदि उनके मकान पर किसी और का नाम दर्ज हो गया, तो भविष्य में उनकी संपत्ति पर भी फर्जी दावा किया जा सकता है। इसके साथ ही, चुनाव में फर्जी वोटिंग की आशंका भी जताई गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक यह गड़बड़ी दूर नहीं होगी, वे मतदान का बहिष्कार करेंगे।


अधिकारियों की सफाई

बीएलओ की प्रतिक्रिया: ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बीएलओ से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड 5 और 6 की बीएलओ रेणु कुमारी ने कहा कि उन्हें भी इस मामले की जानकारी नहीं है। फिलहाल, बीडीओ के आदेश पर फॉर्म-8 भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि गलत नामों को हटाया जा सके।