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मेरठ में सांपों की भीड़ ने गांव में मचाई दहशत

मेरठ के सिमौली गांव में एक रात सांपों की भीड़ ने दहशत मचाई। किसान महफूज सैफी ने एक सांप को मारने के बाद देखा कि और भी सांप बाहर आ रहे हैं। ग्रामीणों ने मिलकर 50 से ज्यादा सांपों को मार डाला। वन विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि सभी सांप संरक्षित जीव हैं। जानें इस घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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मेरठ में सांपों की भीड़ ने गांव में मचाई दहशत

सांपों का आतंक

मेरठ सांप: रविवार रात मेरठ के सिमौली गांव में एक अजीब घटना ने सभी को भयभीत कर दिया। स्थानीय किसान महफूज सैफी अपने घर के आंगन में सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी उनकी नजर एक सांप पर पड़ी। पहले तो उन्होंने उसे मार दिया, लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह बेहद चौंकाने वाला था।

सांप को मारने के बाद महफूज ने देखा कि उसी स्थान से और भी सांप बाहर निकलने लगे। दरवाजे के पास बने रैम्प के नीचे से सांप रेंगते हुए बाहर आ रहे थे। देखते ही देखते, पूरे आंगन में सांपों की भरमार हो गई। डर के मारे उन्होंने शोर मचाया और गांव वाले इकट्ठा हो गए।


ग्रामीणों ने मिलकर मारे 50 से ज्यादा सांप

ग्रामीणों की एकजुटता

घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने मिलकर लगभग 50 से अधिक सांपों को मार डाला। इसके बाद इन सांपों को एक गड्ढे में दफन कर दिया गया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया।


वन विभाग की जांच शुरू

जांच की प्रक्रिया

सोमवार को वन विभाग के डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि 'हमें जानकारी मिली है कि सांपों को बिना विभाग को सूचित किए मारा गया और उन्हें जमीन में दफनाया गया, जो नियमों का उल्लंघन है। सभी सांप संरक्षित जीव हैं और इन्हें मारना कानूनन अपराध है।' DFO ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मारे गए सांप विषहीन थे और ज्यादातर जलसांप थे, जो जलस्रोतों या नमी वाली जगहों पर पाए जाते हैं।


ग्रामीणों को चेतावनी

सुरक्षित जीवों की रक्षा

राजेश कुमार ने कहा, 'वे संरक्षित जीव हैं... कृपया उन्हें नुकसान न पहुंचाएं और ऐसी स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचित करें।' वन विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि कुल कितने सांप मारे गए और उन्हें कहां दफनाया गया।