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मैडागास्कर में जनरेशन ज़ी का प्रभाव: युवा आंदोलन ने सत्ता को हिलाया

मैडागास्कर में हालिया युवा आंदोलन ने राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना को सत्ता से बेदखल कर दिया है। यह घटना दर्शाती है कि जनरेशन ज़ी अब केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक बदलाव की मुख्य शक्ति बन चुकी है। 25 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों ने जल संकट, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाया। सेना ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। इस आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 21वीं सदी की राजनीति अब संचार-संरचना की लड़ाई बन गई है।
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मैडागास्कर में जनरेशन ज़ी का प्रभाव: युवा आंदोलन ने सत्ता को हिलाया

मैडागास्कर में युवा आंदोलन का प्रभाव

मैडागास्कर में हालिया घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनरेशन ज़ी अब केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं है, बल्कि यह सत्ता के समीकरणों को भी बदलने की क्षमता रखती है। युवा नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के चलते, एक अभिजात सैन्य इकाई CAPSAT ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया और राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना से इस्तीफे की मांग की। इस स्थिति ने राजोएलीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। यह केवल एक राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि एक नई वैश्विक प्रवृत्ति का संकेत है, जिसमें युवा पीढ़ी राजनीतिक बदलाव की मुख्य शक्ति बन चुकी है।


विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत

मैडागास्कर के 31 मिलियन नागरिकों के बीच 25 सितंबर से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत जल और बिजली संकट के खिलाफ हुई थी, लेकिन यह जल्द ही भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राष्ट्रपति के दोहरी नागरिकता विवाद के खिलाफ जन विद्रोह में बदल गया। राजोएलीना पर फ्रांसीसी नागरिकता रखने का आरोप लंबे समय से असंतोष का कारण बना हुआ था, जिसके चलते CAPSAT, जो 2009 में उन्हें सत्ता में लाया था, अब उनके खिलाफ खड़ा हो गया।


राष्ट्रपति का संदेश

सोमवार रात, राष्ट्रपति ने एक गुप्त स्थान से अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश की। यह संदेश टीवी पर नहीं, बल्कि फेसबुक पर जारी किया गया। सेना में CAPSAT का प्रभुत्व बढ़ रहा है, जिसे अन्य सैन्य गुटों का समर्थन भी प्राप्त है।


सेना का नया दृष्टिकोण

कर्नल माइकल रैंड्रियनरीना ने कहा, "हमने जनता की आवाज सुनी है, यह तख्तापलट नहीं, बल्कि जनादेश की आवाज है।" यह दर्शाता है कि सेना अब अपनी वैधता को जनता से जोड़ने की कोशिश कर रही है, न कि केवल राष्ट्रपति से। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो दिखाता है कि सत्ता अब केवल चुनावी वैधता से नहीं, बल्कि सामाजिक और डिजिटल वैधता से भी निर्धारित हो रही है।


नई पीढ़ी का आंदोलन

मैडागास्कर का यह विद्रोह नेपाल में हाल ही में हुए जन-ज़ी आंदोलन के समान है, जहाँ युवा विरोध ने सरकार को गिरा दिया। इस नई पीढ़ी के आंदोलन का कोई राजनीतिक दल या वैचारिक समूह नहीं है। ये युवा डिजिटल रूप से संगठित, सूचनाप्रवीण और वैश्विक चेतना से जुड़े नागरिक हैं। Gen Z लोकतंत्र को केवल वोट देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि वास्तविक समय में जवाबदेही के रूप में देखती है।


21वीं सदी की राजनीति

मैडागास्कर का संकट यह दर्शाता है कि 21वीं सदी की राजनीति अब केवल सत्ता-संरचना की नहीं, बल्कि संचार-संरचना की लड़ाई है। राष्ट्रपति राजोएलीना ने संवाद की अपील की, लेकिन यह बहुत देर से हुआ। उनकी सत्ता उन्हीं डिजिटल प्लेटफार्मों पर गिरी, जहाँ जनता अपनी आवाज उठाती है। असली प्रश्न यह है कि क्या पारंपरिक लोकतंत्र नई डिजिटल जनता की गति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे? Gen Z का यह संदेश अब वैश्विक है- सत्ता जनता की है, लेकिन जनता अब ऑनलाइन है।