मोहन भागवत का बयान: संघ को भाजपा के नजरिए से देखना है गलत
संघ का अनुभव करना आवश्यक है
Mohan Bhagwat, कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संघ को भाजपा के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास न करें। उन्होंने यह टिप्पणी कोलकाता में संघ के शताब्दी समारोह के दौरान की। भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ केवल एक सेवा संगठन नहीं है और इसे भाजपा के चश्मे से समझना एक बड़ी भूल होगी।
संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना
भागवत ने कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है, और यह किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे कोई व्यायाम कर रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि वह किसी पर हमला करने की योजना बना रहा है। संघ का कोई दूसरा संगठन नहीं है, और इसकी तुलना करना गलत होगा।
भारत को विश्वगुरु बनाने का लक्ष्य
संघ का गठन भारतीय समाज को सशक्त बनाने के लिए किया गया था, ताकि भारत फिर से विश्वगुरु बन सके। यह किसी राजनीतिक उद्देश्य या प्रतिकूलता से प्रेरित नहीं है, बल्कि हिंदू समाज की सुरक्षा और प्रगति के लिए है। भारत केवल एक भूगोल नहीं है, बल्कि यह एक परंपरा और जीवन जीने का तरीका है।
हिंदुओं की जिम्मेदारी
भागवत ने कहा कि हिंदुओं ने हमेशा इस देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा है। जो लोग गर्व से खुद को हिंदू मानते हैं, उनसे हमेशा पूछा जाएगा कि उन्होंने अपने देश के लिए क्या किया है।
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