मोहन भागवत के बयान से मोदी के रिटायरमेंट पर उठे सवाल

मोहन भागवत का विवादास्पद बयान
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक बयान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट को लेकर चर्चा को जन्म दिया है। इस पर शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
75 साल की उम्र पर बधाई का मतलब है रुक जाना
बुधवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में, जहां मोहन भागवत ने "मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस" पुस्तक का विमोचन किया, उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति 75 साल का होने पर बधाई देता है, तो इसका अर्थ है कि उसे रुक जाना चाहिए और दूसरों को अवसर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी इस साल सितंबर में होंगे 75 साल के
इस बयान के संदर्भ में संजय राउत ने कहा कि भागवत का यह संदेश सीधे प्रधानमंत्री मोदी के लिए है। उल्लेखनीय है कि मोदी इस साल सितंबर में 75 वर्ष के होने वाले हैं। राउत ने यह भी कहा कि मोदी ने कई वरिष्ठ नेताओं को रिटायरमेंट के लिए मजबूर किया है, जैसे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी। अब यह देखना होगा कि क्या मोदी खुद भी इस सलाह का पालन करेंगे।
रिटायरमेंट पर राउत के पूर्व के दावे
मार्च में, संजय राउत ने पहले भी मोदी के रिटायरमेंट को लेकर बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि मोदी नागपुर में संघ मुख्यालय के दौरे पर अपने रिटायरमेंट की घोषणा करने आए थे। राउत का मानना था कि यह दौरा मोदी के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण था।
भाजपा का रुख
पिछले साल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि मोदी 75 साल की उम्र में भी सक्रिय राजनीति से रिटायर नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे।