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यूपी पंचायत चुनावों के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना

उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की गई है, जिससे आरक्षण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। ग्रामीणों की शिकायतें भी चुनावों के नजदीक आते ही बढ़ने लगी हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमाने लगा है। दावेदारों में आरक्षण को लेकर बेचैनी देखी जा रही है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और क्या है चुनावी प्रक्रिया का अगला कदम।
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यूपी पंचायत चुनावों के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना

पंचायत चुनावों की तैयारी में तेजी


उत्तर प्रदेश समाचार: अगले वर्ष यूपी में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को राज्य कैबिनेट ने स्थानीय ग्रामीण निकायों के लिए एक विशेष पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना को मंजूरी दी। इस आयोग के माध्यम से पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा जाएगा, जो पंचायत चुनावों में सीटों के आवंटन का आधार बनेगा।


आयोग की स्थापना से चुनावी प्रक्रिया में सुधार

स्थानीय ग्रामीण निकायों के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग को पंचायत चुनावों की तैयारी के लिए मंजूरी दी गई है। इस आयोग की स्थापना के बाद चुनावी प्रक्रिया में तेजी आएगी, जिससे पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। आयोग की देखरेख में आरक्षण का कार्य होगा, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो जाएगी। पिछली बार आयोग की अनुपस्थिति के कारण नगर निकाय चुनावों में देरी हुई थी।


ग्रामीणों की शिकायतें बढ़ी

पंचायत चुनावों के नजदीक आते ही शिकायतों में इजाफा

जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ग्रामीणों की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। विकास कार्यों में कमी की शिकायतें बीडीओ से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों तक पहुंच रही हैं। वर्तमान ग्राम प्रधान पर कई आरोप लग रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल गरमाने लगा है। बागपत विकास भवन में रोजाना दस से पंद्रह शिकायतें अधिकारियों को मिल रही हैं।


आरक्षण को लेकर दावेदारों की चिंता

दावेदारों में बेचैनी

पंचायत चुनाव में आरक्षण की मांग कर रहे दावेदारों में बेचैनी देखी जा रही है। हर कोई यह सोच रहा है कि एससी, ओबीसी, महिला या सामान्य वर्ग को कौन सी सीट मिलेगी। इस बीच, कैबिनेट द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को मंजूरी मिलने से प्रक्रिया में तेजी आई है।