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योगी आदित्यनाथ का जीवन: एक साधारण युवक से बने मुख्यमंत्री तक की प्रेरणादायक यात्रा

योगी आदित्यनाथ, जो 5 जून को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं, एक साधारण परिवार से आए हैं और उन्होंने 22 वर्ष की आयु में संन्यास लिया। उनके जीवन की यात्रा गोरखपुर में राम मंदिर आंदोलन से शुरू हुई और उन्होंने महज 26 वर्ष की आयु में सांसद बनकर राजनीति में कदम रखा। 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, योगी आदित्यनाथ ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जानें उनके जीवन के संघर्ष और प्रेरणादायक कहानी के बारे में।
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योगी आदित्यनाथ का जीवन: एक साधारण युवक से बने मुख्यमंत्री तक की प्रेरणादायक यात्रा

योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन और विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह दिन विश्व पर्यावरण दिवस के साथ भी मेल खाता है, जिसमें सीएम योगी की गहरी रुचि है। उनके जीवन की सबसे प्रेरणादायक कहानी यह है कि कैसे एक साधारण परिवार से आने वाला युवक, जिसने केवल 22 वर्ष की आयु में संन्यास लिया, देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बना।


एक साधारण परिवार से असाधारण यात्रा

योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जीवन संघर्ष और तप का प्रतीक है। एक समय ऐसा था जब उन्होंने अपने घर, परिवार और सांसारिक जीवन को त्यागकर गोरखनाथ पीठ की ओर रुख किया, और राजनीति में कदम रखते ही उन्होंने इतिहास रच दिया।


उत्तराखंड के छोटे से गांव से शुरू हुई यात्रा

सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में हुआ। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे और माता सावित्री देवी एक साधारण गृहिणी। वे अपने चार भाई-बहनों में पांचवें स्थान पर हैं।


शिक्षा और राम मंदिर आंदोलन से जुड़ाव

योगी आदित्यनाथ की प्रारंभिक शिक्षा पौड़ी में हुई और उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान वे गोरखपुर पहुंचे और राम मंदिर आंदोलन से प्रभावित हुए, जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।


22 वर्ष की आयु में संन्यास और 'योगी' नाम

1994 में, उन्होंने गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली और संन्यास लिया। उस समय उनकी उम्र केवल 22 वर्ष थी। 14 जनवरी 1994 को वे विधिवत रूप से 'योगी' बने और तभी से उनका नाम योगी आदित्यनाथ पड़ा।


राजनीति में कदम और सांसद बनने की यात्रा

साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। उसी वर्ष, योगी आदित्यनाथ ने राजनीति में कदम रखा और लोकसभा चुनाव लड़ा। महज 26 वर्ष की आयु में वे भारत के सबसे युवा सांसदों में शामिल हो गए।


लगातार पांच बार सांसद बने

योगी आदित्यनाथ ने 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर लगातार पांच बार सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाया। उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और वे एक तेजतर्रार हिंदुत्ववादी नेता के रूप में उभरे।


2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

2017 में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद, योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। जनसंख्या के दृष्टिकोण से सबसे बड़े राज्य की बागडोर संभालते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और अपनी प्रशासनिक शैली से सबको प्रभावित किया।


संन्यास के बाद जन्मदिन का उत्सव

संन्यास लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने कभी अपना जन्मदिन व्यक्तिगत रूप से नहीं मनाया। हालांकि, उनके समर्थक हर साल 5 जून को उनके जन्मदिन को उत्सव की तरह मनाते हैं।


पारिवारिक रिश्तों से जुड़ाव

हालांकि उन्होंने संन्यास लिया, लेकिन परिवार से उनका भावनात्मक संबंध बना रहा। कहा जाता है कि 1993 में घर छोड़ने के बाद वे पहली बार 1997 में अपने गांव लौटे। हाल ही में, वे अपने भतीजे की शादी में उत्तराखंड गए थे।


भगवा वस्त्र और नाथ संप्रदाय की परंपरा

दीक्षा के दिन से ही योगी आदित्यनाथ भगवा वस्त्र धारण करते हैं। उन्होंने नाथ संप्रदाय की परंपरा को न केवल अपनाया, बल्कि अपने राजनीतिक जीवन में भी इसका पालन किया। गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख के रूप में वे धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं।