Newzfatafatlogo

योगी आदित्यनाथ का दावा: 12वीं सदी में हिंदू आबादी थी 60 करोड़

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान में कहा कि 12वीं सदी में भारत की हिंदू जनसंख्या 60 करोड़ थी, जो विदेशी आक्रमणों और अन्य कारणों से घटकर 30 करोड़ रह गई। उन्होंने स्वदेशी नीतियों की सराहना की और विदेशी मानसिकता के प्रभावों पर चर्चा की। योगी ने यह भी बताया कि कैसे विदेशी शासन ने भारत की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया। उनके बयान ने सामाजिक एकता और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया।
 | 
योगी आदित्यनाथ का दावा: 12वीं सदी में हिंदू आबादी थी 60 करोड़

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान

योगी आदित्यनाथ समाचार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 12वीं सदी में भारत की हिंदू जनसंख्या 60 करोड़ थी, जो विदेशी आक्रमणों, अकाल और बीमारियों के कारण 1947 तक घटकर 30 करोड़ रह गई। उन्होंने स्वदेशी को बढ़ावा देते हुए यह भी कहा कि विदेशी मानसिकता आज भी समाज को विभाजित कर रही है। योगी ने मोदी सरकार की स्वदेशी नीतियों की प्रशंसा की, जो सुई से लेकर जहाज तक का उत्पादन भारत में कर रही हैं।


आक्रमणों का प्रभाव

योगी ने बताया कि 12वीं सदी में भारत की हिंदू जनसंख्या लगभग 60 करोड़ थी, जो 1947 तक आधे से भी कम होकर 30 करोड़ रह गई। उन्होंने कहा कि यह कमी केवल हिंसा के कारण नहीं, बल्कि अकाल, बीमारी और विदेशी शासकों की यातनाओं का परिणाम थी। यह दावा भारत के इतिहास में विदेशी शासन के विनाशकारी प्रभावों को उजागर करता है।




300 साल पहले भारत की कृषि शक्ति

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विदेशी शासन ने भारत की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित किया। 300 साल पहले भारत विश्व अर्थव्यवस्था में 25% हिस्सेदारी रखता था और कृषि में अग्रणी था, लेकिन विदेशी शासन ने इसे कमजोर कर दिया, जिसका प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है। योगी ने इसे आत्मनिर्भरता की आवश्यकता से जोड़ा।


विदेशी मानसिकता की चुनौती

योगी ने बिना किसी का नाम लिए कुछ समूहों पर निशाना साधा, जो समाज को जाति, क्षेत्र और भाषा के आधार पर बांटते हैं। उन्होंने कहा कि यह विदेशी मानसिकता आज भी स्वदेशी अभियान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उनका यह बयान सामाजिक एकता और स्वदेशी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करता है।


मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड

योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी नीतियों की सराहना की, जो अब केवल खादी तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सुई से लेकर हवाई जहाज तक, भारत में सब कुछ बन रहा है। 'मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड' के नारे को दोहराते हुए उन्होंने स्वदेशी को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।