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योगी आदित्यनाथ का पत्र: उत्तर प्रदेश को निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए साल के अवसर पर प्रदेशवासियों को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश को निवेश का केंद्र बनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने 2025 को तकनीकी नवाचार का वर्ष बताते हुए, एआई सिटी की स्थापना और डेटा सेंटर नीति की सफलता का उल्लेख किया। युवाओं से अपील की गई कि वे बच्चों को कंप्यूटर और एआई के प्रति जागरूक करें। यह पत्र प्रदेश के भविष्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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योगी आदित्यनाथ का पत्र: उत्तर प्रदेश को निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री का संदेश

नई दिल्ली। नए साल के अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के लिए एक पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि 2026 का आगमन हो रहा है और 2025 का वर्ष तकनीक, एआई और डेटा में नवाचार के नए मानक स्थापित करने के लिए याद किया जाएगा। उत्तर प्रदेश भविष्य की ओर अग्रसर विकास के नए मानक स्थापित कर रहा है। प्रदेश के डिजिटल भविष्य को आकार देने और निवेश का केंद्र बनाने में सरकार को उल्लेखनीय सफलता मिल रही है।


निवेश और सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि निवेश तभी सुरक्षित रह सकता है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों। प्रदेश में सुशासन ने 'ब्रांड यूपी' को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया है। अब उत्तर प्रदेश निवेशकों के विश्वास का प्रतीक बन गया है। लखनऊ और नोएडा में एआई सिटी की स्थापना की योजना है, और जेवर में ₹3,700 करोड़ की लागत से सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण हो रहा है।


डाटा सेंटर और तकनीकी विकास

स्वदेशी सेंटर और सुरक्षित डेटा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई डेटा सेंटर नीति की सफलता अब स्पष्ट होने लगी है। 5 हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क का व्यावसायिक उपयोग शुरू हो चुका है, और डेटा सेंटर क्षेत्र में ₹30,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। 9 शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं। ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल उत्पादन में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। 'एआई प्रज्ञा' के माध्यम से 10 लाख नागरिकों को एआई प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे हजारों नई नौकरियां उत्पन्न हो रही हैं।


युवाओं के लिए विशेष संकल्प

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे वर्ष 2026 के लिए एक विशेष संकल्प लें। वे अपने आस-पास के 5 बच्चों को कंप्यूटर और एआई के विषय में जागरूक करें और हर सप्ताह कम से कम एक घंटा 'ज्ञानदान' के लिए निकालें। यह प्रयास न केवल विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करेगा, बल्कि यूपी को विज्ञान-प्रौद्योगिकी की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।