योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक सेवा संघ के सम्मेलन में न्यायालयों में तकनीक के उपयोग की बात की

मुख्यमंत्री का उद्घाटन भाषण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक सेवा संघ के 42वें सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदेश के न्यायालयों में आधुनिक तकनीक का समावेश किया जाएगा। इसके तहत वाद प्रबंधन के लिए डाटाबेस विश्लेषण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। राज्य सरकार इस दिशा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2018 में न्यायिक अधिकारियों के कल्याण के लिए ₹10 करोड़ का कॉर्पस फंड स्थापित किया गया था। अब, यूपी सरकार की ओर से ‘उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ’ को ₹50 करोड़ का नया कॉर्पस फंड देने की घोषणा की गई है, ताकि उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
न्याय, समता और बंधुता भारत के संविधान की मूल भावना हैं…
102 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास को समेटे उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के आज लखनऊ में आयोजित 42वें अधिवेशन में मा. उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश मा. न्यायमूर्ति श्री अरुण भंसाली जी एवं अन्य मा. न्यायाधीशों… pic.twitter.com/SKFPtrNDX3
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 23, 2025
उन्होंने आगे कहा कि यह गर्व की बात है कि देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय हमारे प्रदेश में है। विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमें अपने स्तर से शुरुआत करनी होगी। यदि हम राज्य में कार्य कर रहे हैं, तो हमें ‘विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश’ बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने न्याय को सुगम और त्वरित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न्याय की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना आवश्यक है। हमारी गति जितनी तेज होगी, आम जनता में विश्वास उतना ही मजबूत होगा।