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योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बढ़ाई कीमत, 30 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें गन्ने के मूल्य में 30 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि की गई है। इस निर्णय से किसानों को 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि यह वृद्धि ऐतिहासिक है और इससे 46 लाख किसानों को लाभ होगा। इसके साथ ही, सरकार ने व्यापारियों के लिए भी नए नियमों की घोषणा की है, जिससे निवेश का माहौल बेहतर होगा।
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योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए बढ़ाई कीमत, 30 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि

गन्ना किसानों को मिली बड़ी राहत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। गन्ने के मूल्य में प्रति कुंतल 30 रुपये की वृद्धि की गई है। अब अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति का मूल्य 390 रुपये प्रति कुंतल होगा। यह निर्णय पेराई सत्र 2025-26 के लिए किया गया है और इसे किसानों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।


गन्ना मूल्य में इस वृद्धि से किसानों को 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान मिलेगा। योगी सरकार का दावा है कि 2017 से अब तक गन्ने का समर्थन मूल्य चार बार बढ़ाया गया है। पिछले साढ़े 8 वर्षों में गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है, जबकि 2007 से 2017 के बीच केवल 1,47,346 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था। इस प्रकार, योगी सरकार ने पिछले सरकारों की तुलना में 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक भुगतान किया है।


गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि इस ऐतिहासिक वृद्धि से 46 लाख किसानों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में गन्ने का मूल्य महाराष्ट्र और कर्नाटक से अधिक है। इस निर्णय से किसानों को 3000 करोड़ रुपये का लाभ होगा।


व्यापारियों के लिए नए नियमों की घोषणा

मंगलवार को, प्रदेश सरकार ने उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025" को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा पारित इस अध्यादेश के तहत, राज्य में लागू 13 प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त कर दिए गए हैं। अब अधिकांश मामलों में उद्यमियों को जेल भेजने के बजाय आर्थिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।


यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा और प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा। अध्यादेश के तहत कई पुराने प्रावधानों को हटाया जा रहा है, जिनमें मामूली उल्लंघन पर भी कारावास का प्रावधान था। अब छोटे तकनीकी उल्लंघनों पर जुर्माना या चेतावनी दी जाएगी।


अध्यादेश में शामिल प्रमुख अधिनियमों में फैक्ट्री अधिनियम, दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट, बोइलर अधिनियम और अनुबंध श्रमिक अधिनियम शामिल हैं। इन सभी में ऐसे प्रावधानों को संशोधित किया गया है जो निवेशकों के लिए बाधा उत्पन्न करते थे।