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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पाकिस्तान पर कड़ा संदेश: आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि आतंकवाद का कारोबार महंगा पड़ सकता है। उन्होंने मेक इन इंडिया की सफलता और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सैन्य क्षमताओं का जिक्र किया। सिंह ने पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया। जानें उनके बयान की पूरी जानकारी और भारत की रक्षा क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पाकिस्तान पर कड़ा संदेश: आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी

रक्षा मंत्री का बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवाद का कारोबार 'कॉस्ट इफेक्टिव' नहीं है और इसकी गंभीर कीमत चुकानी पड़ सकती है, जिसका एहसास पाकिस्तान को अब हो चुका है।


उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, देशवासियों ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा है। यह स्पष्ट हो चुका है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि के लिए आवश्यक है। आज भारत तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और जल्द ही तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।”


पीओके के लोगों के प्रति भावनाएं

दिल्ली में सीआईआई की बैठक में बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं मानता हूँ कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि जो लोग आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं, वे एक दिन भारत की मुख्य धारा में लौटेंगे।”


उन्होंने यह भी कहा कि पीओके के लोग भारत के साथ गहरे संबंध महसूस करते हैं, और उनकी स्थिति वीर योद्धा महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की तरह है।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा, “हमने आतंकवादी ठिकानों और दुश्मन के सैन्य अड्डों को नष्ट किया। हमने संयम और शक्ति का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। आत्मनिर्भरता के तहत हम क्रिटिकल और फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में भी सफलता प्राप्त कर रहे हैं।”


रक्षा मंत्री ने बताया कि मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यदि यह क्षमता नहीं होती, तो भारत आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाता। हाल ही में 5वीं जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट 'ऐमका प्रोजेक्ट' के प्रोटोटाइप मॉडल को बनाने की मंजूरी दी गई है।


रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

ऐमका प्रोजेक्ट के तहत पांच प्रोटोटाइप विकसित किए जाएंगे, जिसके बाद सीरीज प्रोडक्शन होगा। यह निर्णय मेक इन इंडिया प्रोग्राम के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि पहली बार किसी मेगा डिफेंस प्रोजेक्ट में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को भागीदारी का अवसर मिलेगा।


उन्होंने कहा कि आज हम केवल लड़ाकू विमान या मिसाइल सिस्टम नहीं बना रहे हैं, बल्कि न्यू ऐज वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के लिए भी तैयार हो रहे हैं। हमारे घरेलू विकसित प्रणालियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह साबित किया है कि हम दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की क्षमता रखते हैं।


रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज देश में 16,000 से अधिक एमएसएमई रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं, जो आत्मनिर्भरता की यात्रा को मजबूत कर रहे हैं और लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं। भारत का रक्षा निर्यात अब 23,500 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।


उन्होंने बताया कि 10-11 साल पहले, जहां हमारा रक्षा उत्पादन 43,746 करोड़ रुपए था, वहीं आज यह 1,46,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर चुका है, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान 32,000 करोड़ रुपए से अधिक है।