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रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिससे लोकतंत्र की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र में मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि पर चिंता जताई है और राहुल गांधी के डेटा मांगने के कदम का समर्थन किया है। सुरजेवाला का कहना है कि यदि चुनाव आयोग सरकार के दबाव में काम करने लगे, तो यह लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर सकता है। इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
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रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर चिंता

रणदीप सुरजेवाला का चुनाव आयोग पर हमला: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान से राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनाव आयोग और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता खो देता है, तो यह देश के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।


सुरजेवाला ने विशेष रूप से महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हुई असामान्य वृद्धि पर सवाल उठाए हैं, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डेटा की मांग की है। यह मुद्दा अब राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।


हरियाणा के बहादुरगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग का मुख्य कार्य निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना है। यदि यह संस्था सरकार के दबाव में काम करने लगे, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर हो सकती है। उन्होंने महाराष्ट्र के हालिया विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बीच मतदाता सूची में लगभग 50 लाख नए मतदाताओं की वृद्धि पर सवाल उठाए।


सुरजेवाला के अनुसार, 60-70 दिनों के छोटे अंतराल में प्रतिदिन एक लाख नए मतदाताओं का जुड़ना संदेह पैदा करता है। उन्होंने राहुल गांधी के उस कदम का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने इस असामान्य वृद्धि का डेटा मांगा है, ताकि इसकी सच्चाई का पता लगाया जा सके।


सुरजेवाला का यह बयान उस समय आया है, जब देश में चुनावी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर बहस तेज हो रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को अपनी स्वायत्तता बनाए रखनी चाहिए, ताकि जनता का भरोसा इस संस्था पर बना रहे।


यह मुद्दा न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर चिंता बढ़ा रहा है। सुरजेवाला के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, और अब सभी की नजर इस बात पर है कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर क्या जवाब देता है।