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रवींद्र चौहान बने महाराष्ट्र भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

महाराष्ट्र भाजपा ने रवींद्र चौहान को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। चौहान, जो पहले कार्यकारी अध्यक्ष थे, ने डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से चार बार जीत हासिल की है। उनका राजनीतिक सफर 2002 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से शुरू हुआ था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्री पदों का अनुभव भी प्राप्त किया है। जानें उनके जीवन, शिक्षा और संगठन में उनकी भूमिका के बारे में।
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रवींद्र चौहान बने महाराष्ट्र भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

रवींद्र चौहान का निर्वाचन

महाराष्ट्र भाजपा ने मंगलवार को रवींद्र चौहान को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पूर्व मंत्री चौहान ने अकेले पर्चा भरा और निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। इससे पहले, वे पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। चौहान डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस की पहली कैबिनेट में राज्य मंत्री और एकनाथ शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि कोंकण क्षेत्र में भाजपा के विस्तार में रवींद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.


शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि

रवींद्र चौहान का जन्म 20 सितंबर 1970 को मुंबई में हुआ। उनकी पत्नी का नाम सुहासी चौहान है, और उनके दो बेटियाँ हैं, सलोनी और खुशी। चौहान ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई में पूरी की और यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की।


राजनीतिक करियर की शुरुआत

चौहान ने 2002 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कल्याण उप जिला अध्यक्ष के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 2005 में, वे कल्याण-डोंबिवली नगर निगम में नगर सेवक बने। 2007 में, उन्हें महा पालिका में स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया। 2009 में, चौहान ने डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया और तब से लगातार उसी क्षेत्र से जीतते आ रहे हैं।


संगठन में पदोन्नति

चौहान ने भाजपा संगठन में पालघर और सिंधुदुर्ग जिलों के संरक्षक मंत्री के रूप में कार्य किया। 2020 में, उन्हें महाराष्ट्र इकाई का महासचिव बनाया गया। 11 जनवरी 2025 को, उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया और 1 जुलाई को निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।


मंत्री पद का अनुभव

रवींद्र चौहान ने देवेंद्र फडणवीस की पहली कैबिनेट में राज्य मंत्री और एकनाथ शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2016 में पहली बार मंत्री पद संभाला और 2019 तक बंदरगाह, सूचना और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण के कैबिनेट मंत्री रहे। इसके बाद, 2022 से 2024 तक लोक निर्माण मंत्रालय का कार्यभार संभाला।