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राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को दी राहत, ईडी के आरोपपत्र को किया खारिज

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में राहत देते हुए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र को खारिज कर दिया। जज विशाल गोगने ने कहा कि बिना एफआईआर के आरोपपत्र का संज्ञान नहीं लिया जा सकता। इस मामले में ईडी ने उच्च न्यायालय का रुख किया है। वहीं, जज पर लालू प्रसाद के परिवार ने पक्षपात का आरोप लगाया है। आगामी सुनवाई में आरोप तय किए जाएंगे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
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राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को दी राहत, ईडी के आरोपपत्र को किया खारिज

कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। इस मामले में कई अन्य कांग्रेस नेता भी शामिल हैं। विशेष जज विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया। जज ने स्पष्ट किया कि ईडी ने बिना किसी एफआईआर के और केवल निजी शिकायत के आधार पर जांच की है, इसलिए आरोपपत्र का संज्ञान नहीं लिया जा सकता। इस मामले में ईडी ने उच्च न्यायालय का रुख किया है, जहां सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया गया है।


जज पर आरोप और आगामी सुनवाई

विशाल गोगने वही जज हैं जो रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले की सुनवाई भी कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के परिवार ने उनके खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाया है। राबड़ी देवी ने इस मामले में जज से केस हटाने की अपील की थी, जिसे जिला और सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। अब इस मामले में नौ जनवरी को लालू प्रसाद और राबड़ी देवी सहित उनके पूरे परिवार की पेशी होगी, जिसमें आरोप तय किए जाएंगे। यह दिलचस्प है कि जिस जज ने कांग्रेस नेताओं को राहत दी, उसी पर राजद नेताओं ने पक्षपात का आरोप लगाया है। यदि जज विशाल गोगने की कोर्ट में आरोप तय होते हैं और फास्ट ट्रैक सुनवाई के बाद सजा होती है, तो विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया क्या होगी? क्या वे फिर भी पक्षपात और राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाएंगे?