राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का 20 साल बाद एक मंच पर आना, मराठी विवाद पर बयान

ठाकरे बंधुओं की एकता का जश्न
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 20 साल बाद एक साथ नजर आए। यह अवसर महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन भाषाओं से संबंधित जी.आर. को वापस लेने के बाद जीत का जश्न मनाने का था। इस मौके पर राज ठाकरे ने कहा कि जो कार्य बाला साहेब नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया है।
राज ठाकरे का विवादित बयान
मीरारोड में एक व्यक्ति की पिटाई पर बोलते हुए, राज ठाकरे ने विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मराठी नहीं बोलने पर किसी की पिटाई नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बेकार का नाटक करता है, तो उसे कान के नीचे थप्पड़ मारना चाहिए।
कार्यकर्ताओं को दी नसीहत
राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि पिटाई के समय वीडियो न बनाएं, बल्कि पिटने वाला व्यक्ति खुद जाकर बताएं कि उसे थप्पड़ पड़ा है। उन्होंने कहा कि चाहे वह गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी बोलनी चाहिए। लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता, तो उसे पीटने की आवश्यकता नहीं है।
वीडियो देखें
Only in Indian Politics can you run a failed startup for 20 years and yet carry enough swagger to justify violence. This is the MNS Chief Raj Thackeray whose goons beat a trader over Marathi. He says next time don’t make a video. Let the person hit come out and tell the world. pic.twitter.com/mv7OWQA24T
— Sanket Upadhyay (@sanket) July 5, 2025
मीरारोड में मनसे के कार्यकर्ताओं ने एक गुजराती दुकानदार की मराठी भाषा को लेकर पिटाई कर दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विवाद उत्पन्न हुआ। वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
मुख्यमंत्री का बयान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस विवाद पर कहा कि हमें मराठी पर गर्व है, लेकिन अगर कोई भाषा के नाम पर हिंसा करता है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई मराठी व्यक्ति असम में जाकर कारोबार करे और वहां की भाषा न बोलने पर उसे पीटा जाए, तो क्या यह उचित है?