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राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई: शहीद नीरज चौधरी का अंतिम संस्कार

लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए नीरज कुमार चौधरी का अंतिम संस्कार देवघर जिले के कजरा गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए। शहीद के परिवार ने गर्व के साथ कहा कि नीरज ने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया। जानें इस भावुक विदाई के बारे में और अधिक।
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राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई: शहीद नीरज चौधरी का अंतिम संस्कार

शहीद नीरज चौधरी का अंतिम संस्कार

लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए झारखंड के निवासी नीरज कुमार चौधरी का अंतिम संस्कार गुरुवार को देवघर जिले के कजरा गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।


जब तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए। घर पर पहुंचने पर परिजनों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया। शहीद को गांव के टंडेरी घाट पर अंतिम विदाई देते समय सेना के जवानों ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया।


इस अवसर पर उपायुक्त नयन प्रियेश लकड़ा, पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डूंगडूंग, एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, अंचल अधिकारी यामुन रविदास और नगर प्रशासक सुरेंद्र किस्कु सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।


24 वर्षीय नीरज चौधरी लगभग ढाई वर्ष पहले भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुए थे। उनके पिता अनिल चौधरी एक किसान हैं, जिन्होंने कहा कि नीरज ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है और उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल हुए।


मंत्री हफीजुल हसन के प्रतिनिधि शब्बीर हसन, सारठ विधायक चुन्ना सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह, भाजपा नेता गंगा नारायण सिंह और राज पलिवार ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।


इससे पहले, बुधवार को नीरज कुमार चौधरी का पार्थिव शरीर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।


मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाएगी। नीरज के परिवार को भी इसका लाभ मिलेगा। शहीद नीरज चौधरी की शहादत दुखद है, लेकिन उन्होंने झारखंड को गर्वित किया है।