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राजस्थान में सियासी टकराव: कांग्रेस ने सीएम भजनलाल की चुनौती स्वीकार की

राजस्थान में भाजपा सरकार के डेढ़ साल पूरे होने पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की खुली चुनौती स्वीकार कर ली है। सीएम शर्मा ने कांग्रेस को सार्वजनिक मंच पर हिसाब देने के लिए आमंत्रित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम को सलाह दी है कि उन्हें अपनी पार्टी के नेताओं से सावधान रहना चाहिए। यह सियासी संघर्ष अब आरोप-प्रत्यारोप से आगे बढ़कर खुली चुनौती तक पहुंच गया है। क्या कांग्रेस इस बहस में शामिल होगी? जानिए इस सियासी टकराव की पूरी कहानी।
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राजस्थान में सियासी टकराव: कांग्रेस ने सीएम भजनलाल की चुनौती स्वीकार की

राजस्थान की राजनीति में नया मोड़

राजस्थान की राजनीति: राजस्थान में भाजपा सरकार को लगभग डेढ़ साल हो चुका है। इस दौरान कांग्रेस ने लगातार प्रदेश सरकार पर हमले किए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कई बार आरोपों का सामना करते हुए शांत देखा गया है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लगातार हमलों के बाद, पिछले सोमवार को सीएम शर्मा ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी।


कांग्रेस की चुनौती का जवाब

सीएम शर्मा ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि जनता को गुमराह करने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि वह खुले मंच पर आने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पिछले पांच साल का हिसाब और डेढ़ साल का हिसाब एक साथ नहीं दिया गया, तो उन्हें बताएं।


अशोक गहलोत की सलाह

तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत ने भजनलाल शर्मा को सलाह दी कि उन्हें अपनी पार्टी के नेताओं से सावधान रहना चाहिए, जो उन्हें हटाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को विपक्ष की बातों को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह जनभावना का मामला है।


आगे की संभावनाएं

सीएम शर्मा और कांग्रेस के बीच यह सियासी संघर्ष अब आरोप-प्रत्यारोप से आगे बढ़कर खुली चुनौती तक पहुंच गया है। दोनों पक्षों में यह चर्चा हो रही है कि क्या सच सामने आएगा या यह सब बस आरोपों तक ही सीमित रहेगा। यदि सीएम ने विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस को समय और स्थान दे दिया, तो क्या कांग्रेस खुली चर्चा के लिए आएगी?