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राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का विरोध, स्कूल हादसे पर सरकार की संवेदनहीनता पर उठे सवाल

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने एक स्कूल की इमारत गिरने के बाद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विधायकों ने काली पट्टियां बांधकर सदन में प्रवेश किया और सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। इस दौरान, उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की और विधानसभा परिसर में मृतकों को मौन श्रद्धांजलि दी। विपक्ष ने राज्य में जर्जर स्कूलों की स्थिति पर भी चिंता जताई। सदन में "राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल-2025" पर चर्चा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए।
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राजस्थान विधानसभा में तनावपूर्ण माहौल

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को स्थिति काफी तनावपूर्ण रही। झालावाड़ जिले में एक स्कूल की इमारत गिरने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विधायकों ने काली पट्टियां बांधकर सदन में प्रवेश किया और सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया।


कांग्रेस का कहना है कि इस हादसे में कई बच्चों की जान गई, फिर भी सदन में श्रद्धांजलि नहीं दी गई। इसी कारण पार्टी के नेताओं ने विधानसभा परिसर में मृतकों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। इस विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, सचिन पायलट और हरीश चौधरी भी शामिल रहे।


विधायकों ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि राज्यभर में कई स्कूलों की स्थिति जर्जर है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। मरम्मत के बजाय लापरवाही बरती जा रही है, जिससे बच्चों की जान को खतरा हो रहा है।


इस बीच, सदन में "राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल-2025" पर भी चर्चा हुई। इस बिल में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले उल्लंघन पर 2 लाख रुपये और दूसरी बार 5 लाख रुपये का जुर्माना था, जिसे अब घटाकर क्रमश: 50 हजार और 2 लाख कर दिया गया है। इसके अलावा, अब 100 से अधिक छात्रों वाले संस्थानों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, जबकि पहले यह सीमा 50 छात्रों की थी।