Newzfatafatlogo

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का तीखा हमला

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने पाकिस्तान को वित्तीय सहायता मिलने पर भारत की चुप्पी, सुरक्षा चूक और जिम्मेदारी से भागने के आरोप लगाए। खड़गे ने प्रधानमंत्री से सच बोलने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस चर्चा में खड़गे ने सरकार के अहंकार को भी निशाना बनाया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया।
 | 
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का तीखा हमला

राज्यसभा में चर्चा का माहौल

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा: विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पाकिस्तान को युद्धविराम के बाद विश्व बैंक और आईएमएफ से वित्तीय सहायता मिली, तो भारत ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, लेकिन उनके जवाब के दौरान विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बावजूद, राजनाथ सिंह ने संक्षेप में अपनी बात रखी और फिर अपनी सीट पर लौट गए।


खड़गे का अहंकार पर हमला

आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे: खड़गे

खड़गे ने कहा कि उन्होंने और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पत्रों को नजरअंदाज किया जाता है। खड़गे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार का अहंकार इसी तरह बना रहा, तो एक दिन इसे तोड़ने वाले लोग आएंगे।


सुरक्षा चूक पर सवाल

क्या गृह मंत्री जिम्मेदार नहीं?

खड़गे ने पहलगाम हमले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आतंकवादी वहां कैसे पहुंचे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर सभी लोग शीर्ष अधिकारियों से डरते हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली, लेकिन क्या यह गृह मंत्री को बचाने की रणनीति थी?


सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल

अगर तीन आतंकवादी मारे गए, तो बाकी कहाँ हैं?

खड़गे ने सेना की बहादुरी की सराहना की, लेकिन सरकार पर आरोप लगाया कि वह जिम्मेदारी से भाग रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि तीन आतंकवादी मारे गए, लेकिन बाकी कहाँ छिपे हैं? विपक्ष की चिट्ठियाँ कूड़ेदान में फेंकी जाती हैं और जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, तो प्रधानमंत्री उसमें शामिल नहीं हुए।


सरकार पर तंज

खड़गे ने कहा कि जब ये नेता युवा थे, तब वे कहते थे 'चाचा नेहरू आ गए हैं' और अब नेहरू पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'आपने केवल झूठ की फैक्ट्रियाँ बनाई हैं, लोग आपकी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे।' उन्होंने सच बोलने और सरकार को सच सुनने का साहस दिखाने की आवश्यकता पर जोर दिया।