Newzfatafatlogo

राज्यसभा में मणिपुर के राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव पारित

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव को भारी हंगामे के बीच स्वीकार किया गया। विपक्ष ने मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा की मांग की, जिसके चलते सदन में नारेबाजी हुई। मणिपुर में पिछले कुछ वर्षों से जातीय संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। जानें इस प्रस्ताव के बारे में और क्या हुआ सदन में।
 | 
राज्यसभा में मणिपुर के राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव पारित

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में मणिपुर में लागू राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने और बढ़ाने की अनुमति मांगी गई। पहले से ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है, और इसे अब अगले छह महीने के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया गया। भारी हंगामे के बीच सदन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। 


यह प्रस्ताव 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत जारी अधिसूचना से संबंधित है। इस अधिसूचना के तहत राष्ट्रपति शासन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया। अब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से अगले छह महीनों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है।


प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सदन मणिपुर राज्य के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा 13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत जारी की गई उद्घोषणा की प्रभावशीलता को 13 अगस्त 2025 से आगे छह माह की अवधि के लिए बनाए रखने की स्वीकृति देता है।


नित्यानंद राय द्वारा सदन में यह प्रस्ताव पेश करने के बाद उप सभापति ने इसे चर्चा के लिए रखा। इस दौरान सदन में जबरदस्त हंगामा होता रहा।


विपक्षी सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू (एसआईआर) पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के जरिए कई लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।


चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसद संसद में नारे लगाते रहे। कांग्रेस समेत विपक्ष के अधिकांश सांसदों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। इसी हंगामे के बीच यह प्रस्ताव पारित किया गया।


मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए फरवरी 2025 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। अब इस राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त होने से पहले, इसे आगे बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक है। 13 फरवरी 2025 को भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की थी।


संविधान के अनुसार राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद यह शासन 6 महीने तक वैध रहता है। 13 अगस्त 2025 को इसकी अवधि समाप्त हो रही है। इसलिए इसे अगले 6 महीने तक बढ़ाने का प्रस्ताव संसद में रखा गया। यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया।


मणिपुर में पिछले कुछ वर्षों से जातीय संघर्ष, कानून-व्यवस्था की समस्याएं और राजनीतिक अस्थिरता चल रही है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। राज्यसभा में प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।