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राज्यसभा में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कमांडो तैनात, कांग्रेस ने उठाई आवाज़

राज्यसभा में हाल ही में हुए हंगामे के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए कमांडो तैनात किए गए, जिससे कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई। मल्लिकार्जुन खड़गे ने उप सभापति को पत्र लिखकर इस घटना की निंदा की है। जानें इस विवाद के पीछे का कारण और सांसदों की प्रतिक्रियाएँ।
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राज्यसभा में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कमांडो तैनात, कांग्रेस ने उठाई आवाज़

राज्यसभा में हंगामे के दौरान कमांडो की तैनाती

नई दिल्ली। राज्यसभा में सांसदों के हंगामे को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को कमांडो तैनात किए। यह पहली बार है जब सदन के अंदर नारेबाजी कर रहे सांसदों को रोकने के लिए बाहरी सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया। इस दौरान महिला सांसदों को भी पुरुष सुरक्षाकर्मियों ने रोका। कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उप सभापति हरिवंश को एक पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की है।


 


इस घटना के पीछे का कारण यह है कि राज्यसभा में विपक्ष के सांसद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान कमांडो को बुलाया गया। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, 'आज कमांडो तैनात किए गए। कोई कह रहा है कि यह सीआईएसएफ है, कोई कुछ और कह रहा है। उन जवानों ने सदस्यों को स्टाफ से मिलने से रोका। हमारी महिला सदस्यों को पुरुषों जवानों ने रोका। जिस तरह से सदन के बाहर से लोगों को बुलाया गया और सांसदों को जबरदस्ती वेल में जाने से रोका गया, यह आपत्तिजनक है। सब कुछ कैमरे में कैद है।'


 


बाद में मल्लिकार्जुन खड़गे ने उप सभापति हरिवंश को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, 'हम इस बात से हैरान हैं कि जिस तरह से सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में लाया गया, यह बेहद आपत्तिजनक है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में जब सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे होंगे, तो सीआईएसएफ कर्मी सदन के वेल में नहीं आएंगे।'


 


इस घटना पर किरेन रिजिजू ने कहा, 'संसद सदस्यों की मांग थी कि सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसलिए सीआईएसएफ तैनात की गई। सदन के अंदर, सदस्य कभी-कभी सत्ता पक्ष की मेज के ऊपर और वेल के पास खड़े हो जाते हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा तैनात की गई है।' उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सांसद को बोलने से नहीं रोका जाएगा। सदन के अंदर मार्शल और सुरक्षाकर्मी तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक सांसद कोई दुर्भावनापूर्ण कार्य नहीं करते। रिजिजू ने कहा, 'आज की जो घटना हुई है, मैंने राज्यसभा सचिवालय से जानकारी ली है। उनके मुताबिक कुछ सांसद आक्रामक हो गए थे, उन्हें सिर्फ रोका गया था।' उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि सदन के अंदर सीआईएसएफ को उतारा गया।