राज्यसभा में हंगामेदार बहस: खड़गे और नड्डा के बीच तीखी नोकझोंक

संसद में गरमागरमी का माहौल
मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में तीखी बहस और हंगामा देखने को मिला। यह स्थिति तब और बढ़ गई जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की, जिसके जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कड़ा पलटवार किया। नड्डा के शब्दों ने सदन में हंगामे को जन्म दिया, जिसके चलते उन्हें अपने शब्द वापस लेने और माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।
खड़गे का कटाक्ष और नड्डा की प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी की 2015 में पाकिस्तान यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी सख्त रुख की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने अचानक लाहौर जाकर सबको चौंका दिया था। खड़गे का यह बयान सुनकर सदन का माहौल गरम हो गया।
नड्डा का विवादास्पद बयान
बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने खड़गे की टिप्पणी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी जी आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने खड़गे पर आरोप लगाया कि वह पार्टी के प्रति इतने समर्पित हो गए हैं कि देश उनके लिए गौण हो गया है। नड्डा के 'मानसिक संतुलन' वाले बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ।
नड्डा ने मांगी माफी
विपक्ष के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए नड्डा को अपने शब्द वापस लेने पड़े। उन्होंने कहा कि वह मानसिक संतुलन नहीं कहना चाहते थे और भावावेश में यह शब्द कहे गए थे। हालांकि, विपक्ष इस पर संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में हंगामा जारी रहा।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
इससे पहले, खड़गे ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को नजरअंदाज करने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय पंडित नेहरू ने विपक्ष की मांग पर विशेष सत्र बुलाया था, जबकि वर्तमान सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि उन्हें सदन में होना चाहिए था, लेकिन वह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे।